Russia is working hard to supply S-400 missile system to India.
नई दिल्ली: भारत को सतह से हवा में मार करने वाली एस-400 मिसाइल प्रणाली (S-400 Missile System) की जल्दी आपूर्ती करने के लिए रूस कड़ी मेहनत कर रहा है। रूसी मिशन के उप प्रमुख रोमन बाबुश्किन (Roman Babushkin) ने गुरुवार को यह जानकारी दी। इस मिसाइल प्रणाली की पहली खेप की आपूर्ति अगले साल के अंत तक होनी है।
रोमन बाबुश्किन (Roman Babushkin) ने कहा कि, उनका देश स्वाभाविक रूप से एशिया की दो ताकतों के बीच तनाव से चिंतित है। दोनों देशों के बीच सकारात्मक संवाद बहुत महत्वपूर्ण है। भारत और चीन के शंघाई सहयोग संगठन और ब्रिक्स का सदस्य होने का संदर्भ देते हुए बाबुश्किन ने कहा कि जब बहुपक्षीय मंच पर सहयोग की बात आती है तो सम्मानजनक संवाद ही प्रमुख हथियार होता है।
इसके आगे उन्होंने कहा कि, यह स्पष्ट है कि वैश्विक उथल-पुथल और अनिश्चितता के माहौल में अगर भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ता है तो इसका असर यूरेशिया क्षेत्र की स्थिरता पर पड़ेगा। हमने देखा है कि इस गतिरोध का दुरुपयोग अन्य सक्रिय ताकतों द्वारा अपने भू-राजनीतिक हित के लिए किया जाता है। हम मानते हैं कि हमारे दोनों मित्र एशियाई देशों को और अधिक सकारात्मक संवाद के लिए प्रोत्साहित करना महत्वपूर्ण है।
रूस ने यह भी कहा कि, वह भारत के पास जल्द से जल्द S-400 मिसाइल प्रणाली देने के लिए दिन-रात जुटा हुआ है। रूस ने कहा कि भारत को S-400 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की आपूर्ति अगले साल के अंत तक हो सकती है।
गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में सीमा पर भारत और चीन के बीच पिछले छह महीने से गतिरोध बना हुआ है और अब दोनों पक्ष ऊंचाई वाले इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाने के प्रस्ताव पर काम कर रहे हैं। यूरेशिया भी गत कुछ महीनों से प्राथमिक तौर पर कोविड-19 के मामलों के बढ़ने और नागोर्नो-काराबाख इलाके को लेकर आर्मीनिया और आजरबैजान के बीच तनातनी भरे रिश्तों की वजह से उथल-पुथल का सामना कर रहा है।
बताते चलें कि, भारत ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की चेतावनी के बीच अक्टूबर 2018 में एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों की पांच इकाइयों को खरीदने के लिए रूस के साथ पांच अरब डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।