The COVID19 situation in Delhi should come under control in the next 7 to 10 days- Arvind Kejriwal
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (coronavirus) का संक्रमण एक बार फिर से दिल्ली में तेजी से बढ़ रहा है। इसको लेकर आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिवाली के बाद कई कदम उठाने के संकेत दिए। उन्होंने दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण व कोरोना केस को लेकर आगाह करते हुए सामूहिक लक्ष्मी पूजन कार्यक्रम का आग्रह किया। केजरीवाल ने कहा कि, बीते कई सालों से देख रहे हैं कि अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर के महीने में दिल्ली में प्रदूषण (Delhi Air Quality) बढ़ जाता है, जिसका बड़ा कारण पराली का जलाया जाना है।
मिल गया पराली से खाद बनाने का केमिकल
केजरीवाल ने कहा कि, पिछले 10-12 साल से हर साल अक्टूबर और नवंबर में पराली जलने (Stubble Burning) की वजह से पूरा उत्तर भारत परेशान रहता है। इस बारे में अब तक कोई ठोक काम नहीं किया गया था, हर साल बस इस समय शोर होता है, राजनीति होती है। उन्होंने कहा कि, देश में कृषि के अग्रणी संस्थानों में से एक पूसा इंस्टीट्यूट ने पराली को जलाए बिना गलाकर खाद में बदलने का तरीका ढूंढ लिया है। उसकी इस नई खोज को दिल्ली सरकार आगे बढ़ा रही है। हमने 13 अक्टूबर से दिल्ली की कृषि योग्य भूमि पर पूसा इंस्टीट्यूट द्वारा बनाए गए केमिकल का छिड़काव कराया। अब उसके नतीजे आ गए हैं। उन्होंने कहा कि, दिल्ली के 24 गांव में बायो-डिकम्पोज़र को छिड़कने के 20 दिन बाद वैज्ञानिकों का कहना है कि 70-95% तक डंठल गल चुका था, और वह खाद में परिवर्तन हो गया। इससे किसान बहुत खुश हैं। अब समाधान तो निकल गया है, अब बारी सरकारों की है, क्या वो इसको लागू करेंगी?
सस्ता है केमिकल, मात्र 30 रुपए प्रति एकड़ खर्च
सीएम केजरीवाल ने कहा कि यह बेहद ही सस्ता केमिकल है। 30 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से यह इस्तेमाल होता है। केजरीवाल ये रिपोर्ट लेकर एयर क्वालिटी कमीशन के समक्ष याचिका दायर करने वाले हैं ताकि पराली गलाने के लिए इस केमिकल का इस्तेमाल हो।
दिल्ली में कोरोना बढ़ने का कारण प्रदूषण
दिल्ली सीएम ने कहा कि राजधानी में इस वक्त कोरोना के मामले भी बढ़ रहे हैं। अगले सात से दस दिन में कोरोना नियंत्रण में आ जाएगा। उन्होंने कहा कि, इसका सबसे बड़ा कारण प्रदूषण है। दिल्ली के लोगों ने पिछले महीने तक कोरोना पर काबू पा लिया था।