नई दिल्ली नागरिक उड्डयन मंत्री पी. अशोक गजपति राजू ने वर्ष 2014-15 के लिए पवन हंस लिमिटेड (पीएचएल) के मुख्य प्रबंध निदेशक डॉ. बी. पी. ...
नई दिल्ली नागरिक उड्डयन मंत्री पी. अशोक गजपति राजू ने वर्ष 2014-15 के लिए पवन हंस लिमिटेड (पीएचएल) के मुख्य प्रबंध निदेशक डॉ. बी. पी. शर्मा से 3,95,84,735 रुपए का चेक लाभांश के रूप में प्राप्त किया। इस अवसर पर नागरिक उड्डयन सचिव श्री आर. एन. चौबे तथा नागरिक उड्डयन मंत्रालय और पवन हंस के आला अधिकारी भी उपस्थित थे। पवन हंस ने वित्त वर्ष 2014-15 के लिए 7.76 करोड़ रुपए का लाभांश घोषित किया है। तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) को भी पीएचएल में 49 प्रतिशत का शेयरधारक होने के नाते 3,80,15,265 रुपए का चेक प्रदान किया गया।
पवन हंस 1992 से लाभ अर्जित कर रही है और 2014-15 के संदर्भ में कंपनी ने 223.69 करोड़ रुपए का लाभांश चुकाया है। वित्त वर्ष 2014-15 के लिए पीएचएल का परिचालन राजस्व पिछले वर्ष के 529.57 करोड़ रुपए की तुलना में 538.15 करोड़ रुपए बढ़ा है। वर्ष 2014-15 के लिए शुद्ध परिचालन लाभ 79.13 करोड़ रुपए है जबकि वर्ष 2013-14 में यह 73.03 करोड़ रुपए था। इस साल कंपनी ने कर चुकाने के बाद 38.81 करोड़ रुपए शुद्ध लाभ अर्जित किया जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में उसका शुद्ध लाभ 38.57 करोड़ रुपए था। कंपनी ने कर उपरांत शुद्ध लाभ पर 20 प्रतिशत का लाभांश घोषित किया जो 38.81 करोड़ रुपए है।
पवन हंस मिनी रत्न-1 वर्ग का सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है और भारत में सबसे बड़ी हेलीकाप्टर संचालन कंपनी है। वह एशिया में भी पहले नंबर पर है। अपने गठन के बाद से कंपनी को 7 लाख घंटे की उड़ान का अनुभव प्राप्त है। कंपनी के पास 43 हेलीकाप्टरों का बेड़ा है, जिसमें 17 डॉफिन-एन, 15 डॉफिन-एन3, 3 एमआई-172, 3 बेल-206 एल4, 3 बेल-407 और 2 एएस 350 बी3 हेलीकाप्टर शामिल हैं। कंपनी बीएसएफ और एचएएल के लिए 6 ध्रुव हेलीकॉप्टरों की उड़ान और देखभाल करती है।
ओएनजीसी के लिए अपतटीय संचालन के संबंध में पवन हंस 10 हेलीकॉप्टरों की सेवा प्रदान करती है। कंपनी मेघालय, मिजोरम, महाराष्ट्र, त्रिपुरा, असम सिक्किम, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, गृह मंत्रालय, अण्डमान एवं निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी प्रदान करती है। पवन हंस एनटीपीसी, ऑयल इंडिया लिमिटेड, गेल, जीएसपीसी आदि जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को भी हेलीकॉप्टर सेवाएं देता है। पवन हंस हर वर्ष मई से जून और सितम्बर से अक्तूबर के दौरान फाटा से पवित्र केदारनाथ जी तक हेलीकॉप्टर सेवाओं का संचालन करता है। इसके अलावा पवन हंस जम्मू-कश्मीर स्थित श्री अमरनाथ गुफा जैसे देश के अन्य हिस्सों में हेली-टूरिज्म को प्रोत्साहन भी देता है।
पीएचएल अब हेलीपोर्ट/हेलीपैड, सी-प्लेन ऑपरेशन, लघु फिक्स्ड-विंग एयरक्राफ्ट और एमआरओ जेसे क्षेत्र में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहा है। कंपनी ने रणनीतिक व्यापार योजना 2020 तैयार की है, जिसके अंतर्गत औद्योगिक रुझान, भावी चुनौतियों और भारत के उड्डयन क्षेत्र खास तौर से हेलीकॉप्टरों, सी-प्लेन, लघु फिक्स्ड विंग एयरक्राप्ट तथा हेलीपोर्टों के विकास के संबंध में रूपरेखा मौजूद है।
एसबीआई कैप, आईपीओ की योजना की समीक्षा कर रहा है और इसके संबंध में नियत अवधि के अंदर कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
रोहिणी हेलीपोर्ट का निर्माण जोरशोर से चल रहा है। हेलीपोर्ट की प्रगति की निगरानी करने के लिए स्वतंत्र आंतरिक समिति का गठन किया गया है। संविदा समझौते के अनुरूप पीडीसी को 16 फरवरी, 2016 तक पूरा किया जाना है और उसे 30 जून, 2016 तक चालू किया जाना है। प्रयास किया जा रहा है कि परियोजनाओं को तयशुदा समय में पूरा कर लिया जाए।
पवन हंस एमआरओ व्यापार में भी प्रवेश करने की योजना बना रहा है। योजना है कि दिल्ली के रोहिणी और मुम्बई के जुहू में एमआरओर सुविधा चालू की जाए, जो पीपीपी मॉडल के तहत होगी।
नया सुरक्षा विभाग खाका तैयार किया गया है ताकि सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली, फ्लाइट डाटा प्रणाली, पायलट प्रशिक्षण आदि के कार्यान्वयन और नजदीकी निगरानी संभव हो सके ताकि दुर्घटना रहित उड़ानें सुनिश्चित की जा सकें।
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