One Lakh children malnourished in Varanashi
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का क्षेत्र वाराणसी, जहाँ उनके आने कि सूचना से ही सड़कों कि सफाई और शहर सौन्दर्यकरण का कार्य त्वरित गति से चल रहा है. मोदी जी द्वियांगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उपकरणों का वितरण करेंगे. वहीँ कई ऐसी माँ को भी मोदी जी का इंतज़ार है जिनके बच्चे गन्दगी में पल रहे हैं और कुपोषण का शिकार हो रहे हैं. ऐसी माएं भी मोदी जी से आस लगायी बैठी हैं कि मोदी जी आए उनके लिए भी कुछ कर दे।
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क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में लगभग एक लाख नौनिहाल जिनकी उम्र पांच वर्ष तक है, कुपोषण के शिकार हैं. ये दिल दहलाने वाला यहआकड़ा किसी गैर सरकारी संस्था का नहीं बल्कि केंद्र सरकार के अधीन बाल विकास विभाग विभाग का है. विभाग की ओर से दिसंबर 2015 में नगर क्षेत्र समेत ग्रामीण इलाकों के आठों विकास खंड का सर्वे किया गया था. मोदी जी के संसदीय क्षेत्र में पांच वर्ष तक के तीन लाख उन्यासी हजार दो सौ छिहत्तर बच्चों के वजन करने के बाद हुए जो आकंड़ा कागजों पर आया वह भयावह है. प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में ही जब कुपोषण की यह स्थिति है तो अन्य शहरों, गांव की रिपोर्ट क्या होगी, इसका अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं.
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इसतरह से बच्चे गरीबी, गंदगी के चलते कुपोषण का शिकार होकर तिल-तिल मरने को मजबूर हैं. कुपोषण के चलते इन्हें तमाम तरह की बीमारियां घेर लेती है. समय रहते इन पर ध्यान नहीं दिया गया तो मोदी जी का स्वच्छ भारत-सशक्त भारत का मिशन अधूरा रह जाएगा और शायद इनमें से कई भविष्य में दिव्यांग की श्रेणी में भी आ जाएं. शहरी क्षेत्र में जहां भाजपा के एक नहीं बल्कि तीन-तीन विधायक हैं, महापौर से लेकर तमाम पदाधिकारी हैं. प्रधानमंत्री के आने की आहट मिलते ही भाजपाजन सड़कों पर उतर आते हैं पर उनकी नजर कभी काशी के भविष्य पर नहीं गई. यहीं वजह है कि मोदी के संसदीय क्षेत्र में सर्वाधिक बीस हजार पांच सौ छह बच्चे कुपोषित हैं. नगर क्षेत्र में अति कुपोषित बच्चों की संख्या बाल विकास विभाग के रिकार्ड के अनुसार चार हजार से अधिक है.