Damage control in UP
लखनऊ। सपा को उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार और प्रदेश में बिगड़ी कानून व्यवस्था पर लगाम लगाने का मन बना चुके हैं मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह यादव। ऐसा कहा जा रहा है कि अखिलेश, सरकार की गिरती हुई साख बचाने के लिए कमर कास चुके हैं और इस क्रम में किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा। पिछले कुछ दिनों से जुटे डैमेज कंट्रोल में अखिलेश संगठन से जुड़े लोगों, आला अधिकारियों मंत्रियों पर भी गाज गिराने तैयारी कर रहे हैं. खबरज़ोन के सूत्रों के मुताविक जल्दी ही करीब एक दर्ज़न मंत्रियों से मंत्रालय छीनने की योजना पर काम चल रहा है और इनकी जगह कुछ नए चेहरों को मत्रिमंडल में शामिल किया जायेगा। मंत्रालय छीनने की बात जब से यूपी के सत्ता के गलियारे में फैली है तब सत्तारूढ़ मंत्रियों की नींद उड़ी हुई है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार कुछ मंत्री तो खुद ही मुख्यमंत्री और सपा सुप्रीमो से मिल कर मंत्रालय छोड़ संगठन में काम करने की इच्छा जता चुके हैं।
गौरतलब हो कि अखिलेश प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते डैमेज कंट्रोल की शुरुआत प्रदेश कार्यकारिणी भंग करके की थी. उसके बाद मुख्यमंत्री की हैसियत से 3 दर्ज़न राज्यमंत्री दर्ज़ा प्राप्त लोगों की लाल बत्ती छीनी। खबरज़ोन के सूत्रों से मिल रही ख़बरों के अनुसार तीन दर्ज़न मंत्रियों के खिलाफ लिखित शिकायत आई है। जिसमे शिवपाल सिंह यादव, आज़म खान, दुर्गा प्रसाद यादव, विनोद कुमार सिंह, उर्फ़ पंडित सिंह, कैलाश चौरसिया, अभिषेक मिश्रा सहित कई और नाम भी प्रमुख हैं. देखना दिलचस्प होगा कि जब कारवाई का चाबुक चलाया जायेगा तो क्या सब के लिए बराबर पैमाना फिर बड़े नामों को बार की तरह फिर से क्षमादान मिल जायेगा। वैसे सूत्रों ने तो यहाँ तक दावा किया है कि 19 जून से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के पहले मंत्रिमंडल में फेर बदल निश्चित है।कुछ राजनीतिक पंडितों का मानना है कि सपा में अब नया युग शुरू होने वाला है. सपा सुप्रीमो ने अखिलेश यादव को छह महीने वक़्त दिया है. अगर अखिलेश छह महीने में सबकुछ नहीं संभाल पाए तो सपा सुप्रीमो प्रदेश की कमान खुद अपने हाथ में लेंगे और 2015 में मुख्यमंत्री बन जाएंगे।
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