Sabir Ali expelled from BJP
नई दिल्ली। ना खुदा ही मिला ना विसाले सनम.. ना यहां के रहे ना वहां के रहे.. साबिर अली की हालत फिलहाल इसी तरह की हो गई है। पहले मोदी का तारीफ करने की सज़ा के तौर पर उन्हें जेडीयू से निष्कासित कर दिया गया और फिर अब महज़ चौबीस घंटे की सदस्यता के बाद बीजेपी ने भी उनसे किनारा कर लिया गया है।
बीजेपी ने किया साबिर से किनारा
पार्टी में भारी विरोध के बाद बीजेपी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने आखिरकार ऐलान कर ही दिया कि साबिर अली की सदस्यता समाप्त कर दी गई है। ज़ाहिर है ऐन चुनाव के वक्त पार्टी को अन्तर्विरोध से बचाने के लिए पार्टी के आला नेताओं को ये कड़ा फैसला लेना पड़ा।
नकवी ने किया था विरोध
बीजेपी के खिलाफ मुखर सुर में बोलने वाले साबिर अली को बीजेपी में शामिल किए जाे के बाद से ही पार्टी के उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नक़वी ने साबिर के खिलाफ विरोध का बिगुल बजा दिया था। नक़वी ने कड़े लफ़्ज़ों में साबिर पर आरोप लगाते हुए कहा कि इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी भटकल से संबंध रखने के आरोपी साबिर को पार्टी में रखना ठीक नहीं होगा। उन्होंने नाराज़गी जताते हुए पार्टी आलाकमान से पूछा कि क्या अब दाऊद को पार्टी में शामिल करना बाकी रह गया है?
नक़वी के विरोधी सुर से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भी अपने सुर मिलाने शुरू कर दिए थे। वरिष्ठ नेता बलबीर पुंज ने भी इसे पार्टी का दुर्भाग्यपूर्ण फैसला बताया। उधर आरएसएस की ओर से प्रवक्ता राम माधव ने ट्वीट कर कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं की आपत्ति से बीजेपी को अवगत करा दिया गया है।
अब क्या करेंगे साबिर?
इससे पहले साबिर अली ने बिहार बीजेपी के प्रभारी को पत्र लिखकर उनकी सदस्यता को स्थगित करने की सलाह दी थी और उनपर लगे आरोपों की जांच कराने की बात कही थी। साबिर को बीजेपी से बाहर करने के बाद अब देखना होगा कि जेडीयू और बीजेपी से दूरी बनाकर अब साबिर कहां जाते हैं।
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बीजेपी ने किया साबिर से किनारा
पार्टी में भारी विरोध के बाद बीजेपी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने आखिरकार ऐलान कर ही दिया कि साबिर अली की सदस्यता समाप्त कर दी गई है। ज़ाहिर है ऐन चुनाव के वक्त पार्टी को अन्तर्विरोध से बचाने के लिए पार्टी के आला नेताओं को ये कड़ा फैसला लेना पड़ा।
नकवी ने किया था विरोध
बीजेपी के खिलाफ मुखर सुर में बोलने वाले साबिर अली को बीजेपी में शामिल किए जाे के बाद से ही पार्टी के उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नक़वी ने साबिर के खिलाफ विरोध का बिगुल बजा दिया था। नक़वी ने कड़े लफ़्ज़ों में साबिर पर आरोप लगाते हुए कहा कि इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी भटकल से संबंध रखने के आरोपी साबिर को पार्टी में रखना ठीक नहीं होगा। उन्होंने नाराज़गी जताते हुए पार्टी आलाकमान से पूछा कि क्या अब दाऊद को पार्टी में शामिल करना बाकी रह गया है?
नक़वी के विरोधी सुर से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भी अपने सुर मिलाने शुरू कर दिए थे। वरिष्ठ नेता बलबीर पुंज ने भी इसे पार्टी का दुर्भाग्यपूर्ण फैसला बताया। उधर आरएसएस की ओर से प्रवक्ता राम माधव ने ट्वीट कर कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं की आपत्ति से बीजेपी को अवगत करा दिया गया है।
अब क्या करेंगे साबिर?
इससे पहले साबिर अली ने बिहार बीजेपी के प्रभारी को पत्र लिखकर उनकी सदस्यता को स्थगित करने की सलाह दी थी और उनपर लगे आरोपों की जांच कराने की बात कही थी। साबिर को बीजेपी से बाहर करने के बाद अब देखना होगा कि जेडीयू और बीजेपी से दूरी बनाकर अब साबिर कहां जाते हैं।
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