BJP pol-khol dharna against AAP
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के खिलाफ भाजपा का पोल खोल अभियान पहले ही दिन फेल साबित होता नजर आया। जंतर मंतर पर आयोजित इस अभियान में भाजपा भीड़ जुटाने में विफल तो रही ही, राष्ट्रीय नेतृत्व ने भी अभियान से दूरी बनाए रखी।इसलिए इसे आनन-फानन में तुरंत समाप्त कर दिया गया।
इतना ही नहीं पार्टी के नेताओं में यही चर्चा होती रही कि यह अभियान कम 'आप' पार्टी का प्रचार ज्यादा लग रहा है, क्योंकि बार-बार मंच से झाड़ू पार्टी कहकर संबोधित किया जा रहा है।ऐसा लग रहा है कि भाजपा अब 'आप' का नाम लेने से भी कतरा रही है क्यूंकि इन्हें डर है कि कहीं इनके नाम लेने भर से ही इसका प्रचार न हो जाए।
जिस दिन दिल्ली सरकार गिरी उसी दिन ऐलान किया गया था कि 18 फरवरी से भाजपा पूरी दिल्ली
में पोल खोल अभियान शुरू करेगी। इसकी शुरुआत लोकसभा नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज करेंगी, लेकिन मंगलवार को जंतर-मंतर पर अभियान में सुषमा स्वराज नहीं पहुंचीं।
कई नेता यह कहते सुने गए कि अगर अभियान छेड़ना ही था तो रामलीला मैदान बेहतर होता जहां बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को जुटाया जाता और राष्ट्रीय नेतृत्व को आमंत्रित किया जाता।लेकिन यहाँ सवाल ये उठने लगा है कि जब दिल्ली के शीर्ष स्तर के नेता जंतर मंतर पर भीड़ नहीं जुटा पाए तो रामलीला मैदान में बगैर राष्ट्रीय नेताओं की मौजूदगी के भीड़ आ सकती थी।
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