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नयी दिल्ली। कल आधी रात के बाद दिल्ली में हाई वोल्टेज़ ड्रामा चलता रहा। खबरज़ोन के सूत्रों के मुताविक कल रात दिल्ली के क़ानून मंत्री के पास खिड़की एक्सटेंशन से एक फ़ोन आया जिसमे उन्हें बताया गया कि वहाँ सेक्स और ड्रग रैकेट चल रहा है। उसके बाद उसी वक़्त कानून मंत्री उस जगह पर पहुँच गए लेकिन वहाँ पुलिस के सुस्त रवैये को देख कर साफ़ लग रहा था जैसे पुलिस केंद्र सरकार का प्रायोजित कार्यक्रम चला रही है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जब सोमनाथ भारती जब घटना स्थल पर पहुंचे तो पुलिस वहाँ निष्क्रिय हुई पड़ी थी और भारती अपने समर्थकों के साथ ही कॉल गर्ल रैकेट को पकड़ने का काम कर रहे थे। जब भारती द्वारा पुलिस से सहयोग की अपील की गयी तो वो उल्टा क़ानून मंत्री से उलझते हुए नज़र आए।
क़ानून मंत्री के अनुसार जब वो घटना स्थल पर पहुंचे तो उन्होंने वहाँ देखा कि कुछ देसी और विदेशी लड़किया आधी रात में वहाँ खड़ी थीं। साथ ही वहाँ कुछ लोग बड़ी-बड़ी गाड़ियों में वहाँ उनके साथ खड़े थे। जैसे ही भारती ने वहाँ पहुँच कर इनलोगों से पूछ-ताछ शुरू की तो इनके बीच भगदड़ मच गयी। कुछ लड़कियां एक गली के तरफ भागने लगी। तभी भारती और उनके समर्थक उनके पीछे गए और उन्हें पकड़ कर एक गाडी में बिठाया। उसके बाद उसी वक़्त एक और गाडी आयी जिसमे और 3-4 लड़कियां थी उन्हें भी गाडी में बिठा कर पुलिस स्टेशन लाया गया। लेकिन पूरे घटनाक्रम के बारे में बताते हुए क़ानून मंत्री ने बताया कि "इतनी सुस्त पुलिस मैंने आज तक कहीं नहीं देखी थी। पीछा करते वक़्त वो हमसे भी धीरे चल रहे हैं। जब इनसे कारवाई के बारे में कहा गया तो मुझसे ही उलझ पड़े." प्रत्यक्षदर्शियों के मुताविक एक एसीपी ने तो क़ानून मंत्री को धमकाते हुए यहाँ तक कह दिया कि " Mr. Minister you are crossing your limit. (श्री मान मंत्री, आप अपनी सीमा लांघ रहे हैं) आपको जिस किसी सीनियर को मेरी शिकायत करनी है कर दीजिए।"
वही आधी रात को दौरे के दौरान मंत्री राखी बिड़ला भी पुलिस वालों से उलझती हुई दिखीं। राखी बिड़ला के अनुसार, एक दहेज़ हत्या के मामले में की गयी कारवाई पर जब क्षेत्र के SHO से पूछ-ताछ की गयी तो उसने सीधा जवाब नहीं दिया। साथ ही SHO ने राखी बिड़ला को यहाँ तक कह दिया किया अगर दम है तो मेरा ट्रान्सफर करवा देना। दिल्ली पुलिस के ऐसे तेवर देख कर तो साफ़तौर पर यही प्रतीत हो रहा है कि ये पूरा मामला केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित है। केंद्र, दिल्ली सरकार को बदनाम करने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती है। क्यूंकि दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अधीन है। इसलिए दिल्ली पुलिस भी अपने अलग ताव में है और दिल्ली के मंत्रियों को कोई भाव नहीं दे रही है। ऐसा लगता है कि दिल्ली पुलिस सोचती है कि ये मंत्री मेरा क्या बिगाड़ लेंगे।