arvind kejriwal government one month term
नई दिल्ली। अरविन्द केजरीवाल सरकार का एक महीन पूरा हो गया है। इस पूरे एक महीने में कभी सोमनाथ मामला, कभी बिन्नी की नाराज़गी तो कभी उनका 10 कमरों का बंगला विवादोने का कारन बना रहा। आम तौर पर कहा जाये तो जितने दिन सरकार के नहीं हुए उससे ज्यादा केजरीवाल सरकार विवादों में रही। उन्होंने 28 दिसंबर 2013 को दिल्ली के 7वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। केजरीवाल ने सीएम बनने के 48 घंटे के भीतर ताबड़तोड़ फैसले लेते हुए 666 लीटर मुफ्त पानी और बिजली की दरों में 50 फीसदी कमी करने का एलान कर विपक्षियों के होश उड़ा दिए थे। दिल्ली विधानसभा में केजरीवाल सरकार के बहुमत हासिल करने तक दिल्ली की जनता की उम्मीदें आसमान छू चुकी थीं। इसके बाद तो मीडिया ने केजरीवाल की लोकप्रियता को नरेंद्र मोदी के मिशन पीएम के लिए खतरे की घंटी तक बता डाला था, लेकिन केजरीवाल जल्द ही मुसीबतों से घिर गए। जानिए, क्या हुआ इस एक महीने में, 'आप' ने पूरे किए कौन से वादे और किन मुद्दों पर हुई उसकी फजीहत?
केजरीवाल सरकार ने एक महीने में लिए ये अहम फैसले
*666 लीटर पानी मुफ्त किया और बिजली 50 फीसदी सस्ती की
*केजरीवाल ने सुरक्षा लेने से इनकार किया
*बिजली कंपनियों का ऑडिट कराने के आदेश दिए
*मिलेनियम बस डिपोट को यमुना बैंक से हटाया गया
*रिटेल में एफडीआई के फैसले का विरोध किया
*भ्रष्टाचार निरोधी हेल्पलाइन नंबर जारी किया
*नर्सरी एडमिशन के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया
*दिल्ली जल बोर्ड के 800 से अधिक अफसरों और कर्मचारियों के तबादले
कौन से अहम फैसले नहीं ले सकी केजरीवाल सरकार
*अनियमित कॉलोनियों को नियमित नहीं कर पाई सरकार
*जनलोकपाल 15 दिन में लाने का वादा अब भी अधूरा
*कॉमनवेल्थ घोटाले की जांच के संबंध में स्थिति साफ नहीं
*अस्थायी टीचर्स को पक्की नौकरी अभी तक नहीं
*दिल्ली की खराब सड़कों की हालत सुधारने के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाया
*सरकारी अस्पतालों की हालत जस की तस
*झुग्गियों में रहने वालों को पक्के मकान देने की दिशा में अभी तक कोई कदम नहीं उठाया
*मोहल्ला सभाओं का अभी तक कोई प्रारूप सामने नहीं आया अपनी ही बातों से कैसे मुकरे केजरीवाल और उनकी सरकार
* मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उनके मंत्रियों ने दिल्ली मेट्रो से शपथ-ग्रहण समारोह में रामलीला मैदान जाने के लिए सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल किया था। उन्होंने कहा था कि वह सार्वजनिक परिवहन साधनों का प्रयोग करेंगे, लेकिन तीन दिन बाद ही मंत्रियों ने सरकारी गाड़ियां ले लीं।
* अरविंद केजरीवाल ने सरकार बनने के अगले ही दिन सचिवालय में मीडिया के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था।
* अरविंद केजरीवाल ने वादा किया था कि वह सुरक्षा नहीं लेंगे, 26 जनवरी की परेड में वह 10 सुरक्षाकर्मियों के साथ पहुंचे।
* केजरीवाल ने दिल्लीवालों की समस्याओं को सुनने के जनता दरबार लगाने की घोषणा की थी, लेकिन पहले जनता दरबार के दौरान मची अफरातफरी के बाद केजरीवाल ने जनता दरबार लगाने के फैसले को भी पलट दिया।
* 666 लीटर पानी नि:शुल्क देने का ऐलान किया था, लेकिन इसी के साथ 10 प्रतिशत पानी की दरें बढ़ा दीं गईं।
* केजरीवाल ने चुनाव से पहले कहा था कि वह सत्ता में आए तो सरकारी मकान नहीं लेंगे, लेकिन मनीष सिसोदिया सरकारी आवास ले चुके हैं और अरविंद केजरीवाल जल्द ही अपने नए आवास में शिफ्ट होने जा रहे हैं।
* केजरीवाल ने कहा था कि लोकपाल बिल रामलीला मैदान में विशेष सत्र बुलाकर पास कराया जाएगा, लेकिन अब वह इससे पीछे हट चुके हैं।
एक महीने में कौन-कौन से घिरे विवादों रहे केजरीवाल
* चुनाव के दौरान अरविन्द केजरीवाल बड़ा बंगला लेने का विरोध करते है, जबकि मुख्यमंत्री बनने के ठीक बाद इन्हे 10 कमरे का बंगला अलॉट हुआ, जिसके कारण बहुत विवाद हुआ था।
*चुनाव के पहले शीला दीक्षित के भ्रष्टाचार की बात करने वाले केजरीवाल, सरकार बनाते ही इनका रूख शीला के प्रति नरम हो गया।
*कानून मंत्री सोमनाथ भारती तो 'आप' के लिए विवादों का पिटारा बन गए। ये हमेशा अपने बयानों के कारण और आधी रात को खिड़की एक्सटेंशन के छापे के कारन बहुत विवाद रहा।
*सरकार बनाने के पहले से ही लक्ष्मी नगर से विधायक विनोद कुमार बिन्नी पार्टी के लिए सरदर्द बने रहे और हाल में उन्हें पार्टी से निलम्बित करना पड़ा।
*मुख्यमंत्री केजरीवाल खुद अपने कैबिनेट के साथ रेलभवन पर दिल्ली पुलिस के खिलाफ धरना पर बैठ गए थे और इस कारण से केंद्र और राज्य सरकार में थान गयी थी। केंद्र ने केजरीवाल पर अराजकता फैलाने का भी आरोप लगाया था।
*'आप' से NRI हो गए नाराज़ और इस कारण से पार्टी फण्ड में जमा हो रहे डोनेशन में भार कमी आयी थी।
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