लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अब प्राथमिक स्कूल नहीं खोले जाएंगे। मौजूदा प्राथमिक विद्यालयों कि संख्या 154000 से अधिक है और उच्च प्राथमिक...
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अब प्राथमिक स्कूल नहीं खोले जाएंगे। मौजूदा प्राथमिक विद्यालयों कि संख्या 154000 से अधिक है और उच्च प्राथमिक 76000 से अधिक हैं। सरकार इन्हीं विद्यालयों का शिक्षा स्तर ठीक करने पर पूरा ध्यान लगाएगी।
बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ-साथ, टीचर्स की अनिवार्य उपस्थिति करने हेतु क्या-क्या नियम बनाये जायें, विचार करते हुए सरकार स्कूलों की स्थिति में सुधार करना चाहती है। इन सभी बिंदुओं को सर्व शिक्षा अभियान के लिए तैयार किये जा रहे वित्तीय वर्ष 2014-15 के प्रस्ताव में शामिल किया जा रहा है। स्कूलों की स्थिति में सुधार की भी कार्ययोजना बनाई जा रही है। स्कूलों में हैंडपंप लगाने, चारदीवारी बनाने व छात्र संख्या बढ़ाने पर, और अतिरिक्त क्लास रूम बनाने पर ज़ोर दिया जा रहा है।
केंद्र सरकार सर्व शिक्षा अभियान के तहत राज्यों से प्रस्ताव मांगती है। इसमें स्कूल खोलने, इनमें पढ़ने वालों को सुविधाएं देने, स्थायी शिक्षकों की भर्ती हो या शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाए, इसका प्रस्ताव भेजा जाता है। सर्व शिक्षा में इस बार सारा ध्यान स्कूलों की शिक्षण व्यवस्था में सुधार करना है। जिले के अधिकारियों से कहा गया है कि इस बार प्रस्ताव में नए स्कूल खोलने को शामिल नहीं किया जाएगा।
जिलेवार प्रस्ताव में सिर्फ पुराने स्कूलों के रख-रखाव और बच्चों की सुविधाओं से संबंधित होंगे। केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय से भेजे गए दिशा-निर्देश में भी यह स्पष्ट उल्लेख किया गया है। नए स्कूल खोलने के स्थान पर पुराने स्कूलों में व्यवस्था सुधारने पर अधिक जोर दिया जाएगा। केंद्र ने पिछले साल भी यूपी के लिए एक भी नया स्कूल मंजूर नहीं किया था।
पिछले साल राज्य परियोजना निदेशालय ने नए परिषदीय स्कूल और स्कूलों को कंप्यूटर विद्यालय के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव भेजा था, जो ख़ारिज हो गया था ।
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