East Delhi residents could be in for trying times this exam season. Discom BSES Yamuna Power Ltd (BYPL) has warned that it would be forced to resort to daily power cuts of up to 10 hours from February because it has no funds to pay public sector generation units for power supplies.
नई दिल्ली। फरवरी महीने में पूर्वी दिल्ली के लोगों को ऐसे वक़्त में बिजली की भारी कटौती का सामना करना पड़ेगा जब स्कूलों में परीक्षाएं चल रही हैं। बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड (BYPL) ने चेतावनी दी है कि वो फरवरी महीने में रोज़ाना करीब 10 घंटे की कटौती करने के लिए बाध्य है क्योंकि उसके बिजली खरीदने के लिए पैसे ही नहीं हैं।
रिलायंस की इस कंपनी ने दिल्ली सरकार को लिखा है कि उसे 500 मेगावाट तक कम बिजली मिल सकती है अगर सार्वजनिक विद्युत ईकाईयां और ऊधार देने से मना कर देती हैं और पुराने ऊधार को चुकता करने के लिए और वक़्त नहीं दे देती हैं।
BSES की दोनों कंपनियां पहले भी इस तरह की धमकियां दे चुकी हैं लेकिन तब शीला सरकार ने उनके ब्लैकमेल करने की नीति को अस्वीकार करते हुए आगाह किया था कि अगर बिजली कटौती हुई तो उन्हें लाइसेंस से हाथ धोना पड़ेगा। अब इस बार गेंद अरविंद केजरीवाल की नई सरकार के पाले में थी जो पहले ही बिजली कंपनियों के ऑडिट को लेकर एक पंगा ले चुके हैं।
अरविंद केजरीवाल ने बिजली कंपनियों को आगाह किया था कि किसी तरह की कोई कटौती हुई तो खामियाज़ा उन्हें लाइसेंस खोकर उठाना होगा। साथ ही दिल्ली सरकार ने NTPC से भी गुज़ारिश की थी कि वो बिजली कंपनियों को कुछ वक़्त दे लेकिन NTPC ने वक़्त देने से इनकार कर दिया और कहा कि बिना भुगतान के बिजली नहीं मिलेगी। साफ है कि अब दिल्ली में शनिवार से कटौती होगी और उसे रोक पाना फ़िलहाल तो मुमकिन नहीं दिखता।
BYPL के अधिकारी का कहना है कि, “अब तक हमने कहीं से बिजली की व्यवस्था की थी, हालांकि अब ये संभव नहीं है।”
BYPL की औसत डिमांड 850mw है जबकि पीक आवर में ये डिमांड पिछले साल 1400 मेगावाट तक हुंच गई थी। BYPL के दायरे में मयूर विहार I और II, पटपड़गंज, गांधी नगर, जंगपुरा, कड़कड़डूमा, कृष्णानगर, वसुंधरा एंक्लेव और प्रीतविहार आता है।
दिल्ली सरकार के सूत्रों के मुताबिक मामला डीईआरसी और डिसकॉम के बीच का है और उन्हें इसे जल्दी सुलझा लेना चाहिए लेकिन अभी के लिए क्या होगा इसे लेकर कुछ भी साफ नहीं है।