नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की मूल विचारधारा धीरे-धीरे धराशायी होती दिख रही है। विश्वास मत के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल का नरम भाषण और ...
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की मूल विचारधारा धीरे-धीरे धराशायी होती दिख रही है। विश्वास मत के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल का नरम भाषण और उसके बाद अब बंगला और गाड़ी लेना। आम आदमी पार्टी अपनी विचारधारा को चोट पहुंचा रही है।
जब दिल्ली के रामलीला मैदान में शपथ ग्रहण करने जाना था तो अरविंद केजरीवाल, उनके मंत्री और विधायकों ने दिल्ली मेट्रो से जाना मुफीद समझा। ये दिखाने के लिए कि वो भी आम आदमी हैं और आम आदमी के बीच से दिल्ली की सरकार बनाने निकले हैं। लेकिन वो विचारधार तब टूटती नज़र आती है जब आम आदमी और ख़ास आदमी की परिभाषा देनेवाले अरविंद केजरीवाल दिल्ली के पॉश इलाके लुटियंस ज़ोन में भगवान दास रोड पर दो डुप्लेक्स ले लेते हैं और साथ में सरकारी इनोवा कार लेने से भी परहेज़ नहीं करते।
विधानसभा की कार्यवाही 1 जनवरी को शुरू हुई, तो आम आदमी पार्टी के अधिकतर विधायक और मंत्री मेट्रो या ऑटो, या बस से विधानसभा तक पहुंचे थे। लेकिन जब दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी की सरकार को विश्वास मत हासिल हो गया, और 6 महीने का एक्सटेंशन मिल गया तो अब अरविंद केजरीवाल एंड टीम ने सरकारी गाड़ी ले ली है।
वीआईपी नंबरों से लैस इनोवा का टॉप मॉडल मंत्रियों को दिया गया है और उसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार करते हुए दलील पेश की है कि हमने तो लाल बत्ती लेने से मना किया था। महिला और बाल विकास मंत्री राखी बिड़ला का कहना है कि हम विधानसभा अपनी निजी गाड़ी में आए लेकिन सरकारी काम के लिए हमने सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल किया।
वहीं अरविंद केजरीवाल ने भगवान दास रोड पर बने 7/7 और 7/6 डीडीए के डुप्लेक्स लेने की रज़ामंदी दे दी है। इन दो घरों में 5-5 कमरे हैं और दोनों ही घरों में अलग से लॉन है। एक घर में कोजरीवाल और उनका परिवार रहेगा और एक घर को मुख्यमंत्री का दफ़्तर बनाया जाएगा। केजरीवाल का इसे लेकर दलील है कि 5 कमरों के घर में रहना ग़लत नहीं है जब शीला दीक्षित 6 एकड़ के बंगले में रह रही थीं।
केजरीवाल का कहना है कि, “मैं 4 कमरोंवाले घर में रहता हूं और इस हिसाब से सिर्फ एक कमरा बढ़ा है। मुझे नहीं लगता कि इससे किसी को कोई समस्या होनी चाहिए।”