A group of farmers protested the new farm laws at Bakshi Ka Talab in Lucknow, Uttar Pradesh.
लखनऊ | नए कृषि कानूनों के विरोध में देशभर में किसानों के समर्थन में राजनीतिक दलों और कई संगठनों ने प्रदर्शन किया और कानूनों को वापस लेने की मांग की। दिल्ली के बार्डर के पास किसानों का कई दिनों से धरना जारी है और किसानों की सरकार के नुमाइंदों से कई दौर की बातचीत का अब तक कोई नतीजा नहीं निकला है। किसान कानून को वापस लेने पर अड़े हैं तो वहीं सरकार भी कानूनों को वापस नहीं लेने पर अड़ी है, कई दौर की बातचीत के बाद भी बीच का रास्ता भी नहीं निकल पा रहा है।
वहीं लखनऊ के बक्शी का तालाब तहसील में भारत बंद को लेकर भारतीय किसान यूनियन सावित्री संगठन ने धरना प्रदर्शन करके कृषि कानून को वापस लेने की मांग की और प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन तहसील अधिकारियों को सौंपा। भारतीय किसान यूनियन सावित्री संगठन ने नगर अध्यक्ष इब्राहिम खान ने बताया कि किसानों के भारत बंद का उनका संगठन समर्थन करता है और किसानों के विरोध में जो कानून बनाए गए हैं उसको वापस लेने की मांग करता है।
- बक्शी का तालाब तहसील में प्रदर्शन
- किसान संगठन ने किया तहसील में प्रदर्शन
- नए कृषि कानूनों को बताया काला कानून
- नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की
भारतीय किसान यूनियन सावित्री संगठन के युवा प्रदेश अध्यक्ष निजाम बताते है कि सरकार को किसानों की हर तरह से मदद करनी चाहिए परन्तु उसका उलटा हो रहा है। किसानों को मजबूर होकर धान 800 से 1100 रुपए प्रति क्विंटल बेचना पड़ रहा है। किसानों की कही कोई सुनवाई नहीं हो रही है और नए कृषि कानून किसानों के लिए अभिशाप साबित होंगे इसलिए सरकार को नए कृषि कानून वापस लेने चाहिए।
बक्शी का तालाब में भारत बंद के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद दिखा और पुलिस फोर्स चप्पे-चप्पे पर प्रदर्शनकारियों पर नजर बनाए हुए थी। भिटौली से लेकर इंटौजा तक हर चौराहे पर पुलिस की टीमें मुस्तैद दिखी। तो एसडीएम नवीन चंद्र ने भी क्षेत्र में घूम-घूम कर प्रदर्शनकारियों को शांति बनाए रखने के लिए समझाया और अपील भी की।