After a week of agitation, MCD teachers decided to take back their strike and report to work from Monday, February 8 onwards.
नई दिल्ली। राजधानी में एमसीडी कर्मचारियों की हड़ताल का ये 11वां दिन रहा। पूरे शहर में प्रदर्शन हुए, पुतले फूंके गये लेकिन गनीमत ये रही इस दौरान एमसीडी डॉक्टरों के बाद एमसीडी स्कूलों के अध्यापकों ने भी हड़ताल वापस ले ली।
अब तक एमसीडी के स्कूल विरान पड़े हुए थे और 1 फरवरी से तो स्कूल में बच्चे आ ही नहीं रहे थे। अध्यापकों का आरोप है कि वेतन नहीं मिल रहा तो काम कैसे करें और अगर सरकार 2 महीने का वेतन दे भी दो जो इस वक़्त में कर्ज़े हो गये हैं उन्ही को निपटाने में पैसे ख़त्म हो जाएंगे। इसके अलावा अध्यापकों का ये भी आरोप है 3 साल से उनका बकाया वेतन पड़ा हुआ है जो अब तक नहीं मिला है।
हाईकोर्ट और LG की दखल के बाद एमसीडी डॉक्टर्स ने हड़ताल वापस ले ली लेकिन अधिकारियों और तीनों मेयर्स की कोशिशों के बाद भी एमसीडी के सफाई कर्मचारी, अपनी हड़ताल वापस लेने को तैयार नहीं हैं और आप पार्टी के नेताओं का पुतला जलाकर और उनकी 13वीं मनाते हुए, अपने विरोध प्रदर्शन को जारी रखने पर अड़े हुए हैं।
LG और दिल्ली सरकार से नार्थ और ईस्ट एमसीडी को करीब 1000 करोड़ रूपये रिलीज़ किये गये है, लेकिन कर्मचारियों का दावा है कि उनके एरियर वगैरह का बकाया लेकर निगम को 18000 करोड़ रुपयों की ज़रुरत है।
जो पैसे रिलीज़ किये गये हैं उससे मार्च महीने तक की सैलरी एमसीडी कर्मचारियों को दी जा सकती हैं, लेकिन इसके बाद की तस्वीर अभी साफ़ नहीं है। साथ ही इन कर्मचारियों के बकाया एरियर को लेकर भी कोई आश्वासन नहीं मिल रहा है जिसके चलते एमसीडी का सफाई यूनियन काम पर लौटने को तैयार नहीं है।