नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने राज्य की राजधानी लखनऊ में स्थापित किए जाने वाले ‘आईआई0आई0टी0‘ में हो रही दे...
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने राज्य की राजधानी लखनऊ में स्थापित किए जाने वाले ‘आईआई0आई0टी0‘ में हो रही देरी के मद्देनजर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को इस सम्बन्ध में शीघ्र एस्टीमेट की संस्तुति तथा इस संस्थान के लिए एक पूर्णकालिक निदेशक के चयन हेतु सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित करने का अनुरोध किया है।
इस सम्बन्ध में प्रधानमंत्री को लिखे एक पत्र में मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया है, कि केन्द्र सरकार ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के माध्यम से लखनऊ में ‘आई0आई0आई0टी0‘ की स्थापना के लिए आंशिक रूप से फण्ड प्रदान किए जाने की सहमति दी थी। इस संस्थान की शीघ्र स्थापना के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्य स्थान पर निःशुल्क भूमि उपलब्ध करा दी है तथा इस सम्बन्ध में बजट में प्राविधान भी किए गए हैं।
श्री यादव ने यह भी लिखा है कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तथा परियोजना का एस्टीमेट मानव संसाधन विकास मंत्रालय को उपलब्ध कराया जा चुका है। संस्थान की गवर्निंग बॉडी ने इन डॉक्यूमेन्ट्स पर विचार किया है। गवर्निंग बॉडी के निर्णय के अनुसार टेण्डर आदि की प्रक्रिया भी पूरी की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया है कि अगस्त 2015 में गवर्निंग बॉडी ने नामित पी0एम0सी0, उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम के आर्किटेक्ट्स द्वारा तैयार इस्टीमेट को परीक्षण के लिए सी0पी0डब्ल्यू0डी0 को प्रेषित किया था। इस सम्बन्ध में सभी वांछित सूचनाएं मानव संसाधन विकास मंत्रालय को उपलब्ध कराई जा चुकी हैं। किन्तु अभी तक इस्टीमेट को अन्तिम रूप से संस्तुति नहीं मिली है, जिसकी वजह से परियोजना के क्रियान्वयन में विलम्ब हो रहा है।
इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने यह लिखा है कि आई0आई0आई0टी0 संस्थान में एक पूर्णकालिक निदेशक की नियुक्ति बोर्ड ऑफ गवर्नर्स द्वारा की जानी है। यह नियुक्ति एक सर्च कम सेलेक्शन कमेटी की संस्तुति के आधार पर होगी, जिसकी अध्यक्षता बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन द्वारा की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया है कि राज्य सरकार और इण्डस्ट्री पार्टनर ने अपने प्रतिनिधियों को सर्च कमेटी के लिए जुलाई 2015 में नामित कर दिया है, परन्तु मानव विकास संसाधन मंत्रालय द्वारा इस सर्च कमेटी का अभी तक
नोटिफिकेशन नहीं हो सका है। पूर्णकालिक निदेशक के अभाव में परियोजना सम्बन्धी कार्यों का प्रभावी अनुश्रवण व देख-रेख प्रभावित हो रही है। मुख्यमंत्री ने इनके मद्देनजर प्रधानमंत्री से शीघ्र एस्टीमेट की संस्तुति और पूर्णकालिक निदेशक की नियुक्ति किए जाने के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित करने के लिए अनुरोध किया है।