नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांकोइस होलांद 25 जनवरी, 2016 को गुड़गांव में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन ...
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांकोइस होलांद 25 जनवरी, 2016 को गुड़गांव में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के मुख्यालय का शिलान्यास और राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान (एनआईएसई) में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के अंतरिम सचिवालय का उद्घाटन करेंगे।
गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा सचिव उपेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि आईएसए एक प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय संस्था होगी, जिसका मुख्यालय भारत में होगा। यह सौर ऊर्जा के विकास और उपयोग में तेजी लाने की एक नई शुरूआत है ताकि वर्तमान और भावी पीढ़ी को ऊर्जा सुरक्षा प्राप्त हो सके। त्रिपाठी ने कहा कि भारत ने आईएसए की मेजबानी और एनआईएसई परिसर में 5 एकड़ भूमि देने का प्रस्ताव किया है। एनआईएसई के सूर्य भवन के तीन मंजिलों में अंतरिम सचिवालय शुरू किए जाने की सहमति व्यक्त की है। भारत का प्रयास है कि आईएसए सचिवालय का शानदार निर्माण किया जाए। इसके अलावा भारत ने आईएसए कॉर्पस निधि बनाने के लिए 100 करोड़ रुपए (लगभग 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का सहयोग देने का प्रस्ताव भी किया है। भारत सरकार ने एनआईएसई में आईएसए सदस्य देशों को प्रशिक्षण समर्थन देने पर भी सहमति व्यक्त की है। भारत आईएसए सदस्य देशों को सौर ऊर्जा से घरेलू प्रकाश, किसानों के लिए सौर पंप और अन्य सौर उपकरणों संबंधी परियोजनाओं के लिए समर्थन भी देगा।
आईएसए को एक विशेष मंच के रूप में तैयार किया गया है और इसे सभी सदस्य देशों को सौर ऊर्जा और सौर उपकरणों के प्रोत्साहन देने के साझा लक्ष्य की दिशा में योगदान के रूप में प्रयुक्त किया जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन पर पेरिस घोषणा में कहा गया है कि सभी देश वित्त और प्रौद्योगिकी लागत को कम करने के लिए मिलकर प्रयास करेंगे, ताकि 2030 तक आवश्यक 1000 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की धनराशि की व्यवस्था हो सके। इससे सदस्य देशों के लोगों की भावी सौर शक्ति का सृजन, भंडारण और बेहतर प्रौद्योगिकी प्राप्त हो सकेगी।
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन भारत की पहल है। इस गठबंधन में सौर संसाधन से समृद्ध 121 देश सदस्य हैं। आईएसए को भारत के प्रधानमंत्री और फ्रांस के राष्ट्रपति ने संयुक्त रूप से 30 नवंबर, 2015 को पेरिस में जारी किया था। इसके समारोह में 30 देशों के शीर्ष नेताओं सहित लगभग 70 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था।
आईएसए की अंतर्राष्ट्रीय संचालन समिति (आईएससी) की दो बैठकें हो चुकी हैं। पहली बैठक दिसम्बर, 2015 को पेरिस में और दूसरी बैठक 18 जनवरी, 2016 को अबुधाबी में हुई थी। समिति ने आईएसए के लिए रोडमैप, सरकारों, निजी क्षेत्र, वित्तीय संस्थानों आदि को शामिल करने पर विचार किया था।
एक अंतरिम प्रशासनिक प्रकोष्ठ (आईएसी) का नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय में गठन कर लिया गया है। आईएसए की विकास गतिविधियों पर आईएसए देशों के राजनयिक मिशनों, संयुक्त राष्ट्र, विश्व बैंक, एक्सिम बैंकों, नव विकास बैंक, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए संयुक्त राष्ट्र एशिया प्रशांत केन्द्र तथा कॉर्पोरेट वर्ग के बीच चर्चा का आयोजन किया गया था।
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