V K Singhs action was illegal and premediated government to SC
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अपने ही सरकार के राज्य मंत्री वीके सिंह के हलफनामे को 'अवैध' बता दिया जिसके बाद जनरल सिंह भड़क गए और जनरल के तौर पर अपनी कार्रवाई को न सिर्फ सही बताया, साथ ही उन्होंने आने वाले जनरल दलबीर सुहाग के खिलाफ भी मोर्चा भी खोल दिया है। वीके सिंह ने ट्विटर पर सफाई दी है कि उन्होंने तब के लेफ्टिनेंट जनरल सुहाग के खिलाफ जो किया, सही किया।
ज्ञात हो कि 2012 में सुहाग के खिलाफ तत्कालीन सेना प्रमुख रहे वीके सिंह ने कार्रवाई की थी। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक हलफनामे में रक्षा मंत्रालय ने उनकी इस कार्रवाई को अवैध और पूर्वनियोजित बताया था। इसके बाद कांग्रेस ने उन पर निशाना साधते हुए उनके इस्तीफे की भी मांग की है। लेकिन पूर्व जनरल पीछे हटने के बजाय मोर्चा खोलकर जंग के मूड में आ गए हैं। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है "अगर कोई यूनिट मासूमों को मारती है, डकैती करती है, और उसका प्रमुख उन्हें बचाने की कोशिश करता है तो क्या उस पर इल्जाम नहीं लगाया जाना चाहिए? अपराधियों को छोड़ देना चाहिए"
एक और ट्वीट ने रिटायर्ड जनरल ने लिखा है कि अब सरकार ने जो हलफनामा दिया है, वह पिछली सरकार का बनाया हुआ है और पिछली सरकार की कार्रवाई पक्षपातपूर्ण थी। उनका ट्वीट है "रक्षा मंत्रालय ने वही ऐफिडेविट दिया है जो आर्म्ड फोर्सेस ट्राइब्यूनल को 'बचाने वाली और धूर्त' यूपीए सरकार ने दिया था। इसमें नया क्या है?"
वैसे, इस बारे में रक्षा मंत्री अरुण जेटली को भी जानकारी नहीं थी। उन्होंने इस मामले में रक्षा सचिव से जानकारी मांगी है। उन्होंने पूछा है कि पिछली सरकार का बनाया हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कैसे किया गया।
वीके सिंह ने 2012 में लेफ्टिनेंट जनरल रहे दलबीर सुहाग के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की थी। उन्हीं सुहाग को यूपीए सरकार ने जाते-जाते आर्मी चीफ बना दिया। वह 31 जुलाई को रिटायर हो रहे जनरल बिक्रम सिंह की जगह लेंगे। उधर कांग्रेस ने कहा है कि सरकार का हलफनामा दिखाता है कि वीके सिंह पर सरकार का विश्वास नहीं है। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि "यह मंत्री कैबिनेट में नहीं रह सकता।"
इसके जवाब में वीके सिंह ने ट्वीट किया कि "छाज तो बोले, छलनी भी बोले, जिसमें 1800 छेद।"
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