Manish Sisodia blames Yogendra Yadav for defaming AAP
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद 'आप' में कोहराम मच गया है। हर दिन कोई ना कोई ब्रेकिंग पार्टी से आ रही है. इसी 'आप' के वरिष्ठ नेता मनीष सिसौदिया ने लोकसभा चुनाव के बाद हुई पार्टी की हालत का जिम्मेदार योगेंद्र यादव को ठहरा दिया है। मनीष की एक चिट्ठी मीडिया के सामने आई है। चिट्ठी में मनीष ने मुख्य रणनीतिकारों में शामिल योगेंद्र यादव पर आरोप लगाते हुए कहा है कि केजरीवाल कुछ साल दिल्ली में ही राजनीति करना चाहते थे और वह लोकसभा चुनाव लड़ने के खिलाफ थे। सिसौदिया ने यादव पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके इस रवैये से लगता है कि वे पार्टी को खत्म कर देना चाहते हैं।
एक अखबार के मुताबिक, आम आदमी पार्टी के दो बड़े नेताओं के बीच जंग गुरुवार को इस चिट्ठी से साफ हो गई है। मनीष ने योगेंद्र यादव पर पार्टी में गुटबाजी और झगड़े कराने के भी आरोप लगाए हैं। हालांकि, योगेंद्र यादव से पूछे जाने पर चिट्ठी मिलने की बात से इन्कार नहीं किया। हालांकि, इस मामले में कुछ भी कहने से साफ इन्कार कर दिया।
मीडिया में आई मनीष की इस चिट्ठी से साफ हो गया है कि आम आदमी पार्टी के मुख्य नेताओं के बीच चल रही तनातनी अब सतह पर आ गई गई।
सिसौदिया ने योगेंद्र यादव पर ना केवल गुटबाजी के आरोप लगाएं हैं बल्कि, लोकसभा चुनाव के दौरान हरियाणा में आप के नेतृत्व को गुमराह करने के भी आरोप लगाए हैं। सिसौदिया ने हरियाणा में पार्टी नेता नवीन जयहिंद और योगेंद्र यादव के बीच चल रहे झगड़े के बारे में भी लिखा है।
एक वेबसाइट ने सिसोदिया द्वारा योगेन्द्र यादव को लिखी गयी चिट्ठी भी जारी की है. देखिए क्या लिखा है सिसोदिया ने चिट्ठी में...
आदरणीय योगेन्द्र भाई !
पिछले १५ दिन से आपके और नवीन जयहिन्द के बीच बहुत ही गंदा झगड़ा चल रहा हे. दुःख की बात हे कि आप लोग यह झगड़ा पब्लिक और मीडिया के बीच कर रहे हें. इससे पार्टी की लगातार बदनामी हो रही है. इससे भी ज्यादा दुःख की बात यह है कि आप नवीन जय हिन्द के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई करवाना चाहते थे. आपकी मर्ज़ी के मुताबिक़ कार्रवाई न होने पर आप जबरन अरविंद को इस लड़ाई में घसीट रहे हैं.
मोटे तौर पर आपके आरोप हैं कि अरविंद पीएसी की सलाह नहीं मानना चाहते। आपके ईमेल में यह आरोप पढ़कर आश्चर्य होता है. क्योंकि आज तक अरविंद हमेशा आपका समर्थन करते रहे तब तक अरविंद आपको अच्छे और प्यारे लगते रहे. जैसे कि - आपने गुड़गांव से चुनाव लड़ने का फैसला किया. पीएसी के कई सदस्य इसके खिलाफ थे लेकिन अरविंद ने आपका समर्थन किया। अरविंद ने सबको तैयार किया. तब अरविंद जनतांत्रिक थे. इसके पहले भी - जब आप हरियाणा के प्रभारी बनाना चाहते थे और आप यह भी चाहते थे कि पार्टी आपको हरियाणा में मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में प्रस्तुत करे. पीएसी में कई साथी इसके खिलाफ थे. तब भी अरविंद ने ही आपका समर्थन किया था. तब भी अरविंद जनतांत्रिक थे। अब पार्टी हरियाणा में बुरी हालत में पहुँच गई है. कार्यकर्ता आपके और नवीन जयहिंद के खुलेआम झगड़े के बारे में लगातार बताते रहते हैं. इस्तीफा देने के दो दिन पहले भी करनाल में आपके और नवीन की बीच कार्यकर्ताओं के समक्ष जमकर झगड़ा हुआ था. आप नवीन के खिलाफ सख्त कार्रवाई चाहते है और अरविंद इसमें आपका साथ नहीं दे रहे तो अब वे पार्टी सुप्रीमो की तरह हो गए हैं.
दिल्ली सरकार गिराये जाने के बाद आपने हरियाणा में सर्वे करवाया था जिसमें हमें करीब २३ प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान था लेकिन आपकी अगुआई में जब मात्र डेढ़ महीने बाद चुनाव हुए तो हमें केवल ३ प्रतिशत वोट मिले, इसकी समीक्षा की ज़रूरत है. पीएसी के साथी और तमाम कार्यकर्ता इसका जवाब चाहते है कि ऐसा कैसे हो गया? तो अब आप अरविंद पर सुप्रीमो होने का आरोप लगाकर मुद्दे को भटकाना चाहते हैं.
अरविंद पुरे देश में लोकसभा चुनाव लड़ने के सख्त खिलाफ थे. अरविंद कुछ साल तक केवल दिल्ली की राजनीति करना चाहते थे. लेकिन आप व कुछ अन्य सदस्य पुरे देश में लोकसभा चुनाव के पक्ष में थे. नतीजे हमारे सामने हैं.
नवीन जय हिन्द भी अपने पुराने मजबूत साथी हैं. उन्होंने भी इस अान्दोलन में जमकर लाठियां खाई है. हरियाणा के नतीज़ों और आपके व् नवीन के बीच जो चल रहा है उस पर समीक्षा की ज़रूरत है. लेकिन आपने लगभग सार्वजनिक ईमेल लिखकर जिस तरह इस्तीफा दिया और अब उसी तरह की लगभग सार्वजनिक ईमेल लिखकर मुद्दे को मोड़ते हुए इसमें अरविंद को घसीटने की कोशिश की है यह ठीक नहीं है.
योगेन्द्र भाई सच्ची राजनीति जनता का दिल जीतने और अपने कार्यकर्ताओं का सम्मान अर्जित करने से होती है. पिछले १५ दिन में आपके व्यवहार से मुझे काफी दुःख हुआ है. बाकी आप खुद समझदार हैं. दुःख इस बात का भी है कि आजकल आप मीटिंग में आने की जगह चिट्ठियां लिखने की राजनीति कर रहे हैं. मैं समझ नहीं पा रहा हूँ कि इन इमेल्स के ज़रिए आप क्या चाहते हैं? पार्टी ख़त्म करना चाहते हैं? नवीन के खिलाफ लड़ाई जीतना चाहते है या अरविंद को ख़त्म करना चाहते हैं?
आपका
मनीष सिसोदिया
लगातार ख़बरों से अपडेट रहने के लिए खबरज़ोन फेसबुक पेज लाइक करें