Contractual employees will be permanent soon
नई दिल्ली। अरविन्द केजरीवाल के 49 दिनों के काम को हमेशा सवालों के घेरे में रखा जाता है। अभी बीते लोकसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी इन सवालों से कई बार घिरे। अक्सर ऐसा देखा भी जा रहा था कि इन सवालों के जवाब 'आप' समर्थकों के पास नहीं होते थे और कई बार इनकी तरफ से जब जवाब दिया जाता था तो जनता संतुष्ट नहीं होती थी। जिसका परिणाम इन्हें गत लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ा और ये दिल्ली से एक भी एक भी सीट नहीं जीत पाए।
लेकिन एक न्यूज़ वेबसाइट की रिपोर्ट अनुसार केजरीवाल के लिए एक बहुत अच्छी खबर है। ऐसा बताया जा रहा है कि ठेका प्रथा पर काम कर रहे सभी कर्मचारियों को नियमित करने का प्रस्ताव जल्द जारी हो सकता है। दरअसल जनवरी में केजरीवाल सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 13 सदस्यीय समिति का गठन किया था। श्रम विभाग के विशेषज्ञों वाली इस समिति को शिक्षा, स्वास्थ्य और परवहिन सहित लगभग सभी विभागों में तैनात ठेकाकर्मियों को नियमित करने के लिए नीति और दिशा-निर्देश तैयार करने थे। समिति से जुड़े श्रम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी विभागों द्वारा मुहैया कराई गई ठेका, अस्थायी और दिहाड़ीकर्मियों की संख्या और मौजूदा सेवा शर्तो के आधार पर नियमितीकरण की प्रक्रिया सुझाई गई थी।
रिपोर्ट में ये सुझाव दिया गया था की ठेकाकर्मियो को नियमित करने की बजाय पदों को ही नियमित किया जाना चाहिए जिससे की अन्य लोगो को भी अपनी काबिलियत के आधार पर पद पर आने का मौका मिल सके | सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में भर्ती प्रक्रिया के लिए पहले चरण में उन पदों के लिए आवेदन जारी करने का सुझाव दिया गया है, जिन पर ठेकाकर्मियों के अनुबंध की अवधि खत्म हो गई है या होने वाली है।
गौरतलब है की केजरीवाल सरकार द्वारा गठित समिति द्वारा दिए गये रिपोर्ट के आधार पर दिशा निर्देश तैयार कर लिए गये है जिसने अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव एस के श्रीवास्तव को सौंप दी है इस रिपोर्ट में ठेकाकर्मियों के बजाय ठेको या संविदा के माध्यम से भरे गए पदों को ही नियमित करने का सुझाव दिया गया है। अब मुख्य सचिव इस रिपोर्ट को फाइनल कर अगले सप्ताह उपराज्यपाल नजीब जंग को सौंप देंगे।
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