Revolt in LJP
पटना। पिछले चुनाव में लोजपा ज़ीरो पर पवेलियन लौट गयी थी और इस बार भी ऐसा लग रहा है कि लोजपा हिट विकेट होने की तैयारी कर रही है. एकतरफ जहाँ लोजपा पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में कार्यकर्त्ता सम्मलेन बुलाया है और इसी सम्मलेन में उम्मीद है कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष महबूब अली कैसर पार्टी की सदस्यता लेंगे। वहीँ दूसरी ओर पार्टी के कुछ असन्तुष्ट प्रदेश के प्रधान महासचिव राघवेन्द्र सिंह कुशवाहा के नेतृत्व में विद्रोह का बिगुल फूकेंगे। बताया जा रहा है कि असंतुष्टों में पूर्व सांसद सूर्यनारायण यादव के साथ करीब 17 विधायक प्रत्याशी भी शामिल हैं, जिन्हें पिछले चुनाव में 30 हज़ार से 50 हज़ार मत प्राप्त हुए थे. ये सभी असंतुष्ट राघवेन्द्र सिंह के नेतृत्व में बैठक करने वाले हैं.
दरअसल ये सभी लोकसभा चुनाव में हुए टिकट बंटवारे के कारण नाराज़ हैं. लोजपा के प्रदेश प्रधान महासचिव राघवेन्द्र सिंह ने फ़ोन पर हुए बात-चित के दौरान कहा कि "पार्टी ने टिकट का बंटवारा अनुचित ढंग से किया है. पुराने और समर्पित कार्यकर्ताओं को नज़रअंदाज़ करते हुए दूसरी पार्टी से आये हुए लोगों को पैसे के लिए तरजीह दी जा रही है." दरअसल उनका सीधा इशारा महबूब अली कैसर की ओर था. वैसे भी कैसर के ऊपर पहले दिन से ही पैसे दे कर लोजपा टिकट खरीदने का आरोप भी लग रहा था. राघवेन्द्र का आगे कहना था कि "आज हम लोग लोजपा से अलग हो कर एक नया गुट बनायेंगे और प्रदेश में घूम कर लोजपा की असलियत बता कर इन्हे हराने का काम करेंगे।"
गौरतलब हो कि पिछले लोकसभा चुनाव में लोजपा एक भी सीट पर जीत नहीं दर्ज़ कर पायी थी साथ ही पार्टी प्रमुख रामविलास पासवान भी अपनी सीट नहीं बचा पाए थे. फिर विधानसभा जीत किये हुए इनके सभी गिने-चुने विधायक पार्टी छोड़ कर चले गए. इसलिए इनका सारा गुमान अब इन्ही जनाधार वाले लोगों पर टिका हुआ था जो कम से अपने विधानसभा में अपने विरोधी प्रत्याशियों के नाकों चने चबवा दिए थे. लेकिन इनलोगों के भी पार्टी छोड़ने से ऐसा लग रहा है कि रामविलास पासवान राजा बगैर सैनिक और प्रजा के बने हुए हैं.
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