नई दिल्ली। अगले हफ़्ते दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार सार्वजनिक तौर पर जनलोकपाल बिल पास करने की तैयारी में है जबकि सॉलिसिटर जनरल मोह...
नई दिल्ली। अगले हफ़्ते दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार सार्वजनिक तौर पर जनलोकपाल बिल पास करने की तैयारी में है जबकि सॉलिसिटर जनरल मोहन परासरन ने ये कहकर मुश्किलें बढ़ा दी हैं कि इसके लिए उप राज्यपाल की पूर्व अनुमति ज़रूरी है जबकि दिल्ली सरकार का समर्थन कर रही कांग्रेस इस मामले में विरोध कर रही है।
दिल्ली सरकार के बिल को बिना केंद्र से पास कराये पेश करने के प्रस्ताव की संवैधानिक स्थिति के बारे में दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग परासरन से राय मांगी थी जिस पर उन्होंने एलजी को कहा है कि अगर केंद्र की बिना राय लिये बिल को पेश किया गया तो वो ग़ैरक़ानूनी होगा।
समझ जाता है कि सॉलिसिटर जनरल ने एलजी से ये भी कहा है कि पिछले साल संसद ने लोकपाल और लोकायुक्त बिल पास किया है और लागू भी है और दिल्ली का लोकपाल बिल केंद्रीय क़ानून के ख़िलाफ़ है। इसलिये इस पर राष्ट्रति की मंज़ूरी ज़रूरी है।
इस बीच में जिस कांग्रेस के समर्थन पर दिल्ली की सरकार बनी हुई है उसने साफ कर दिया है कि बिल के पेश होते ही इसका विरोध करेगी। दिल्ली सरकार की योजना को असंवैधानिक करार देते हुए दिल्ली कांग्रेस के नेताओं ने तय किया कि वो एलजी से मिलेंगे और उनसे गुज़ारिश करेंगे कि वो सरकार पर दबाव बनाए कि वो अपनी इस योजना के साथ आगे न जाये।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मुकेश शर्मा ने कहा कि, “हम इस मुद्दे पर शुरू से लेकर अंत तक लड़ेंगे। हम आप की सरकार को कोई असंवैधानिक कार्य नहीं करने देंगे।”
सारी आलोचनाओं से परे आम आदमी पार्टी की सरकार ने साफ कर दिया है कि वो क़ानून को लाकर रहेगी। सरकार की योजना है कि वो 13 फरवरी को विधान सभा में बिल को पेश करेगी और दो दिनों तक बहस करायेगी, जिसके बाद इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स स्टेडियम में बिल को पास किया जायेगा।