harsha became delhi bjp president and goel was disappearred
कार्यकर्ताओं के एक पक्ष का कहना था कि यह बात बुधवार को साफ हो गई थी कि डॉ. हर्षवर्धन शुक्रवार को प्रदेश कार्यालय जाकर नए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पदभार संभालेंगे। तब उन्हें गुरुवार को ही पदभार नहीं संभालना चाहिए था। जबकि यह बात पहले से ही पता थी कि गुरुवार को पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल दिल्ली से बाहर रहेंगे। वहीं पार्टी के दूसरे पक्ष का मानना है कि चूंकि दोनों में आपस में विचारों में मतभेद है, इसलिए गोयल ने प्रदेश कार्यालय न पहुंचकर अपना विरोध जताया। उन्होंने अपना मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ कर लिया।
हर्षवर्धन के गुरुवार को ही प्रदेश अध्यक्ष का पदभार संभालने के बारे में बताया गया कि लोकसभा चुनाव नजदीक होने की वजह से पार्टी का एक-एक मिनट कीमती है। इसलिए बिना समय गंवाए काम करना होगा। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हर्षवर्धन ने प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाली।
सूत्रों का कहना है कि गोयल के बिना हर्षवर्धन के प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने से कार्यकर्ताओं में यही संदेश गया कि दोनों के बीच अभी भी सबकुछ ठीक नहीं है। जबकि विजय गोयल को राजस्थान से राज्यसभा मेंबर बना दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि अब जिला स्तर पर जल्द ही फेरबदल किए जाएंगे। हालांकि सूत्रों का कहना है कि प्रदेश कार्यालय में बहुत अधिक बदलाव नहीं होंगे। लेकिन गोयल और हर्षवर्धन की खटपट आगामी चुनाव में पार्टी के लिए परेशानी न पैदा कर दे इसलिए शीर्ष नेता डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं।
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