congress wants 15 seats in bihar
पटना। जैसे जैसे लोकसभा चुनाव करीब आता जा र्रहा है, बिहार का चुनावी समीकरण और ज्यादा उलझता जा रहा है. एकतरफ लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान भाजपा से जा मिले हैं वही दूसरी ओर लालू प्रसाद की पार्टी आरजेडी के साथ कांग्रेस के गठबंधन का मसला फंसता नजर आ रहा है. कांग्रेस ने आरजेडी के सामने 15 सीटों की मांग रखकर उसे फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है.
नए हालात में कांग्रेस ने कहा है कि उसने अपने सभी विकल्प खुले रखे हैं. कांग्रेस ने संकेत दिए हैं कि वह बिहार में सत्ताधारी जेडीयू के साथ भी गठबंधन पर विचार कर सकती है. हालांकि कुछ दिनों पहले तक कांग्रेस और जेडीयू के बीच गठजोड़ की चर्चा भी गर्म थी, लेकिन बदले समीकरणों के मद्देनजर सभी पार्टियां फूंक-फूंककर कदम बढ़ा रही हैं.
खबरजोन की सूत्रों की मानें तो कांग्रेस और राजद के बीच सीट की संख्या पर मामला अटका हुआ नहीं है. कांग्रेस राजद से 40 में 15 सीट मांग रही है, जो थोडा आगे-पीछे करके तय हो जाता। लेकिन यहाँ मामला तीन सीटों पर आ कर अटक गया है और वो तीनों सीटें हैं किशनगंज, मधुबनी और भागलपुर।
* किशनगंज कांग्रेस की विजेता सीट है जहाँ से मो. असरारुल हक़ सांसद हैं, जबकि राजद वहाँ से तस्लीमुद्दीन को उम्मीदवार बनाना चाहते हैं.
* मधुबनी से कांग्रेस अपने चर्चित नेता शकील अहमद को लड़ाना चाहती है जबकि राजद वहाँ से अपने वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दकी को चुनाव मैदान में उतारने वाले हैं.
* भागलपुर से कांग्रेस पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सदानन्द सिंह को मैदान में लाना चाहती है तो राजद कुशवाहा समुदाय में अपना ख़ासा वर्चस्व रखने वाले शकुनी चौधरी को लड़ाना छह रहे हैं.
अब बस देखना ये है कि दोनों दलों में से कौन अपने कदम पीछे हटाता है. आने वाले लोकसभा चुनाव में वोट बटोरने के लिए सभी पार्टियां रणनीति बनाने और उसे अमलीजामा पहनाने की कवायद में और तेजी से जुट गई हैं.आने वाले दिनों में बिहार की सियासत क्या रंग लाती है, यह देखा जाना अभी बाकी है.
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