लखनऊ। लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों का ऐलान अभी नहीं हुआ है। लेकिन बीजेपी नेतृत्व को रिपेयर वर्क की चिंता सताने लगी है। पिछले दिन...
लखनऊ। लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों का ऐलान अभी नहीं हुआ है। लेकिन बीजेपी नेतृत्व को रिपेयर वर्क की चिंता सताने लगी है। पिछले
दिनों यहां आए अमित शाह भी डैमेज कंट्रोल को लेकर चिंता जता चुके हैं। अब
प्रदेश संगठन से सभी जिलों को पत्र भेजकर इस सिलसिले में तैयारी करने का
निर्देश दिया गया है।
जिलाध्यक्षों को भेजे पत्र में प्रत्याशियों की घोषणा के बाद नाराजगी या विरोध को रोकने के लिए अभी से इंतजाम की सलाह दी गई है।लोकसभा चुनाव को लेकर प्रदेश प्रभारी अमित शाह की जगह-जगह हुई बैठकों में जिस तरह प्रत्याशियों को लेकर कार्यकर्ताओं के सवाल सामने आए, उनसे प्रत्याशियों के ऐलान के बाद विरोध की आशंका दिखाई देने लगी है। इसीलिए पार्टी के रणनीतिकार अभी से डैमेज कंट्रोल के इंतजाम कर लेना चाहते हैं जिससे मोदी को लेकर बना माहौल बिगड़ने न पाए।
पार्टी नेताओं को पता है कि माहौल बिगड़ा तो मोदी फैक्टर का लाभ मुश्किल होगा। क्षेत्रों में हुई बैठकों में जगह-जगह पार्टी कार्यकर्ताओं ने शाह के सामने दूसरे दलों के लोगों को बड़े पैमाने पर पार्टी में शामिल, दलबदलुओं और दागियों को टिकट न देने की मांग उठाई।
कहते है इससे पार्टी के निष्ठावान और समर्पित कार्यकर्ताओं में हताशा और कुंठा आती है। लोगों को लगता है कि संगठन को लेकर उनकी निष्ठा का कोई मोल नहीं है। कई जगह तो ये बातें इस तरह और इतने लोगों द्वारा कही गई कि शाह को यह कहकर लोगों को शांत करना पड़ा कि पार्टी के विस्तार के लिए लोगों का आना जरूरी है, पर किसी को टिकट देने का कोई आश्वासन नहीं दिया गया है।
दरअसल, विधानसभा के चुनाव में टिकट वितरण पर कई स्थानों पर विरोध और विद्रोह की स्थिति खड़ी हो गई थी। सिर्फ जिलों में ही नहीं बल्कि प्रदेश मुख्यालय पर भी इतने धरना-प्रदर्शन हुए थे कि भाजपा का पूरा चुनाव प्रबंधन बिखर गया। पैसा लेकर टिकट देने के आरोप तक सार्वजनिक हुए थे। इसीलिए सभी जिलों में डैमेज कंट्रोल के उपाय अभी से कर लेने की तैयारी की जा रही है।
अपने-अपने जिलों में न सिर्फ भाजपा बल्कि पूरा संघ परिवार ऐसे लोगों के नामों की सूची बना लें जो लोगों को समझा-बुझाकर शांत कर सकें।