now singhvi is congress spokes person
नयी दिल्ली। इसी वर्ष होने जा रहे लोकसभा चुनाव की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए अपने प्रवक्ताओं की संख्या बढ़ाते हुए कांग्रेस ने मंगलवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री शशि थरूर और पार्टी के सांसद अभिषेक मनु सिंघवी को प्रवक्ता नियुक्त करते हुए सबों को चौंका दिया है। क्यूंकि सुनंदा मिस्ट्री के बाद थरूर का मंत्रिपद छीनना तय माना जा रहा था। लेकिन पार्टी के इस कदम ने इन अटकलों पर विराम लगा दिया है।लेकिन सबसे ज्यादा सवाल तो सिंघवी के नियुक्ति पर उठ रहे हैं।
गौरतलब हो कि अप्रैल 2012 में अभिषेक मनु सिंघवी अपनी एक सीडी को ले कर बहुत विवादों में थे. जिसमे उन्हें किसी महिला वकील के साथ लिप्त पाया गया था। उस वक़्त ये बहुत बड़ा बवाल हुआ था साथ ही मीडिया में इस तेज-तर्रार नेता की चर्चा भी ज़ोरों पर थी। चारों तरफ कांग्रेस और सिंघवी की आलोचना शुरू हो गयी थी। इसके बाद सिंघवी ने अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था साथ ही अपने बयान में कहा है कि वो इसलिए इस्तीफा दे रहे हैं कि वो नहीं चाहते कि संसद में उनके मुद्दे के कारण व्यवधान उत्पन्न हो। अब सवाल ये उठता है कि कांग्रेस पार्टी इन्हें मुख्यधारा में ला कर क्या साबित करना चाहती है।
एक अधिकृत घोषणा में बताया गया है कि पार्टी ने पांच वरिष्ठ प्रवक्ता और 13 प्रवक्ताओं की नियुक्ति की है. वरिष्ठ प्रवक्ताओं में केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम, सलमान खुर्शीद, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री मुकुल वासनिक शामिल हैं। प्रवक्ताओं में ज्योतिरादित्य सिंधिया, पी.सी. चाको, राज बब्बर, रणदीप सुरजेवाला, रीता बहुगुणा जोशी, संदीप दीक्षित, संजय झा, सत्यव्रत चतुर्वेदी, शकील अहमद, शक्ति सिंह गोहिल और शोभा ओझा के अलावा थरूर और सिंघवी शामिल हैं. पार्टी में इससे पहले पांच प्रवक्ता होते थे।
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