नई दिल्ली। रूस से भारत आ रहा देश का अब तक का सबसे बड़ा विमान वाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रमादित्य (INS Vikramaditya) अरब सागर में भारतीय नौसे...
नई दिल्ली। रूस से भारत आ रहा देश का अब तक का सबसे बड़ा विमान वाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रमादित्य (INS Vikramaditya) अरब सागर में भारतीय नौसेना के क्षेत्र में दाखिल हो चुका है। रूस से चला ये विशाल विमान वाहक बिना किसी पोर्ट पर रुके 8000 नॉटिकल मील का सफ़र कर चुका है और एक हफ़्ते के भीतर ये भारत के पश्चिमी तट पर करवार के नेवी बेस तक पहुंच जाएगा।
आईएनएस विक्रमादित्य (सबसे आगे), आईएनएस विराट (नीचे दायें), आईएनएस मुंबई (ऊपर दायें), आईएनएस तेग (ऊपर बायें) |
भारतीय सीमा में दाखिल होते ही आईएनएस विक्रमादित्य को भारतीय जल सेना के सुरक्षा घेर में ले लिया गया जिसमें उसके पीछे वेस्टर्न फ्लीट के दो जहाज़ आईएनएस मुंबई और आईएनएस तेग़ चल रहे हैं, तो उसके साथ-साथ विमान वाहक युद्धपोत आईएनएस विराट चल रहा है। इसके साथ ही अब भारतीय जल सेना के पास दो विमान वाहक हो गये हैं, जिसमें एयर डिफेंस सिस्टम लगा है जिससे वो हवाई हमले को भी नाकाम कर सकते हैं। इसके अलावा इस पर मिग-29 का एक पूरा बेड़ा रह सकता है, और वहीं से ऑपरेट किया जा सकता है। नेवी ने तय किया है कि इसको बराक मिसाइल से लैस किया जाएगा।
आईएनएस विक्रमादित्य 284 मीटर लंबा है और 60 मीटर ऊंचा यानी 20 मंज़िली इमारत जितना ऊंचा है। 40000 टन का ये जहाज़ भारतीय जल सेना का सबसे भारी-भरकम जहाज़ है जिस पर 24 मिग-29के फाइटर जेट और 10 हेलीकॉप्टर एक समय में रखे जा सकते हैं। ये जहाज़ एक दिन में समंदर में 1300 किलोमीटर की यात्रा कर सकता है।
विक्रमादित्य 45 दिनों तक बिना ज़मीन को छुये समंदर में रह सकता है और इस पर 1600 कर्मचारी काम कर सकते हैं। अनुमान लगाया जा सकता है कि इतने बड़े क्रू के लिए खाने-पीने की व्यवस्था कैसी होगी। यहां रोज़ाना 1 लाख अंडे, 2 लाख लीटर दूध और 16 टन से ज़्यादा चावल की खपत होने का अनुमान है।