Ganguly Resigned
कोलकाता। कानून की एक इंटर्न द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ए के गांगुली ने आखिरकार पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सोमवार को कोलकाता में राज भवन में राज्यपाल एम के नारायण को अपना इस्तीफा सौंपा।
इससे पहले पूर्व अटार्नी जनरल सोली सोराबजी ने कहा था कि न्यायमूर्ति गांगुली ने उन्हें टेलीफोन किया और कहा कि वह पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग (डब्ल्यूबीएचआरसी) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की सोच रहे हैं। गौरतलब हो कि 3 जनवरी को ही जस्टिस गांगुली ने एनयूजेएस (नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिडिकल साइंसेज) के गेस्ट फैकल्टी पद से भी इस्तीफा दे दिया था।
उच्चतम न्यायालय की तीन सदस्यीय समिति ने प्रथम दृष्टि में न्यायमूर्ति गांगुली को आरोपी माना था। न्यायमूर्ति गांगुली ने कानून की इंटर्न की ओर से लगाए गए सभी आरोपों से इंकार किया था और कहा था कि उनके द्वारा दिए गए कुछ फैसलों के कारण उनकी छवि धूमिल करने के लिए कुछ ताकतें कोशिश कर रही हैं।
इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने वकील उदय गुप्ता द्वारा दायर एक अन्य याचिका को भी खारिज कर दिया। गुप्ता ने अदालत से अवकाश प्राप्त न्यायाधीशों के आचरण के लिए नियम बनाने का आग्रह किया था। न्यायालय ने कहा कि यदि आप वास्तव में ऐसा चाहते हैं तो आपको अपना आवेदन सरकार के पास देना चाहिए। न्यायाधीश ने कहा कि वह दोनों याचिकाओं को खारिज करते हैं। कानून को अपना कार्य करने दीजिए।