सिंगापुर, आयुष वर्मा। आम आदमी पार्टी सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्की पूरे देश और विदेशों में अपनी पहुँच बना चुकी है। 'आप' सिंगापुर चैप...
सिंगापुर, आयुष वर्मा। आम आदमी पार्टी सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्की पूरे देश और विदेशों में अपनी पहुँच बना चुकी है। 'आप' सिंगापुर चैप्टर उन्हीं उपलब्धियों की एक छोटी सी कहानी है। 710 वर्ग किलोमीटर वाला यह शहर जो कि भारत के सभी महानगरों से छोटा है, उसने एक अदभुत ऊर्जा दिखाई। ऐसा प्रतीत होता है जैसे यहाँ के अप्रवासी भारतीय बस एक चिंगारी के भड़कने का इंतज़ार कर रहे थे। सिंगापुर 'आप' कार्यकर्ताओं ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान तीन निर्वाचन क्षेत्रों को अडॉप्ट किया था - मालवीय नगर, मॉडल टाउन एवं त्रिलोकपुरी। ये तीन क्षेत्र उन 18 क्षेत्रों में से थे जिन्हें विदेशों में रहने वाले भारतीयों ने गोद लिया था, ताकि वहाँ होने वाले तमाम खर्चों एवं कार्यों का निर्वहन कर सकें।
सिंगापुर के स्वयंसेवकों ने दिन रात एक कर के इन तीन क्षेत्रों का बीड़ा हर्षपूर्वक उठा लिया और इनमें आम आदमी पार्टी की जीत भी दर्ज कराई। यह भारतीय राजनीति में एक अनूठा प्रयोग था जहाँ पहली बार वैसे लोगों को काम करने का मौका मिला जो कि भारत में कभी गिने भी नहीं जाते थे। सिंगापुर के समर्थकों ने मिलकर 'आप' के 'सिटीजन कॉलिंग कैंपेन' के तहत कम से कम 10000 कॉल्स दिल्ली के लोगों को किये। आप कल्पना कर सकते हैं उस लहर की, जब आपको वोट मांगने के लिए अमेरिका, लंदन, जर्मनी या सिंगापुर से फ़ोन कॉल्स आने लगें। ऐसा नज़ारा दिल्ली वासियों ने देखा है और महसूस किया है।
करवा-चौथ के पर्व में जहाँ पत्नी अपने पति की लम्बी उम्र के लिए उपवास रखती हैं, इस बार देश के लिए भी वह उपवास रखा। 33 ऐसे जोड़े थे जिन्होंने करवा-चौथ में पत्नी को मिलने वाले उपहार को दान के रूप में आम आदमी पार्टी को समर्पित किया। छोटे से देश सिंगापुर में रहने वाले अप्रवासी भारतियों ने मिल कर दिल्ली विधान सभा चुनाव के लिए कम से कम 68 लाख रुपयों का अंशदान किया। यहाँ तक ही नहीं बल्कि कई लोग ऐसे थे जो सिर्फ और सिर्फ अपना मतदान करने के लिए दिल्ली भी गए। आम आदमी पार्टी ने एक ऐसी आशा की किरण जगाई है जिसका इंतज़ार हर वो भारतीय कर रहा है, जिसे नागरिक होते हुए भी वह सुविधा नहीं मिल सकी जिसपर उनका पूर्ण अधिकार था।