नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 10 कमरोंवाले सरकारी घर को लेने से मना कर दिया है। दिल्ली ...
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 10 कमरोंवाले सरकारी घर को लेने से मना कर दिया है। दिल्ली के पॉश इलाके लुटियंस ज़ोन में भगवान दास रोड पर उनके लिए दो 5-5 कमरोंवाले डुप्लेक्स तैयार किये जा रहे थे लेकिन मीडिया में छीछालेदर होने पर अरविंद केजरीवाल ने दबाव में आकर अब सरकारी बंगला लेने से मना कर दिया है।
भगवान दास रोड पर 7/7 और 7/6 नंबर को दो घर अरविंद केजरीवाल के नये घर और दफ़्तर के तौर पर तैयार किये जा रहे थे। लेकिन सादगी को लेकर चुनावों में उतरे और शपथ ग्रहण के दिन भी अपने मंत्री और विधायकों को सरकारी बंगला और कार न लेने की शपथ दिलानेवाले अरविंद केजरीवाल ने आख़िरकार दबाव में आकर इन सरकारी घरों को लेने से मना कर दिया है। हालांकि अरविंद केजरीवाल शुक्रवार तक मीडिया के सामने ये दावा कर रहे थे कि उनसे पहले की मुख्यमंत्री इससे कहीं बड़े घर मेंरहती थीं। उन्होंने ये भी दलील दी थी कि वो अभी 4 कमरों के घर में रहते हैं और एक कमरा ही तो बढ़ रहा है।
अब घर लेने से मना करने पर अरविंद दलील पेश कर रहे हैं कि उनके चाहनेवालों, दोस्तों, और आम लोगों का फोन और मैसेज आया था और उनसे ये बंगला न लेने के लिए कहा गया था जिसके बाद उन्होंने फ़ैसला किया है कि वो ये सरकारी आवास नहीं लेंगे और सरकार से गुज़ारिश करेंगे कि उन्हें इससे छोटा घर दिया जाये। उन्होंने बताया कि लोगों ने उनसे कहा कि वो आम लोगों के प्रतिनिधि हैं और उन्हें इतने बड़े घर में नहीं रहना चाहिए।
केजरीवाल के लिए भगवान दास रोड पर बने डीडीए को दो डुप्लेक्स को तैयार किया जा रहा था। इसके लिए दोनों घरों के बीच में बनी दीवार को तोड़ दिया गया था और उसमें रिनोवेशन का काम चल रहा था। केजरीवाल अपनी पत्नी, माता-पिता और बच्चों के साथ पत्नी को मिले सरकारी आवास ग़ाज़ियाबाद के कौशाम्बी में गिरनार अपार्टमेंट में रहते हैं।