सलेम (तमिलनाडु)। वो 26 साल की थी, उसने सलेम एयरपोर्ट के पास 10 हज़ार फीट की ऊंचाई से हवा में छलांग लगा दी, ये मौत की छलांग थी। ओमालुर ...
सलेम (तमिलनाडु)। वो 26 साल की थी, उसने सलेम एयरपोर्ट के पास 10 हज़ार फीट की ऊंचाई से हवा में छलांग लगा दी, ये मौत की छलांग थी। ओमालुर में सलेम एयरपोर्ट के पास इस महिला ने हवा में छलांग लगाई थी स्काईडाइविंग का अभ्यास करने के लिए, लेकिन उसका पैराशूट पूरी तरह से खुला नहीं और वो सीधा ज़मीन पर गिरी।
वी राम्या नाम की ये महिला अपने 28 साल के पति विनोद और स्काईडाइविंग ट्रैनर्स जी मोहन राव और ऐश के साथ 11 बजे सुबह सलेम एयरपोर्ट से एक एयरक्राफ़्ट में उड़े थे और जब वे 10 हज़ार फीट की ऊंचाई पर पहुंचे तो राम्या ने अपने पति के सामने एयरक्राफ़्ट से छलांग लगाई लेकिन उसका पैराशूट खुला ही नहीं।
विनोद बैंगलुरू के रहनेवाले एक व्यापारी हैं, जो अपनी पत्नी राम्या के साथ इंडियन स्काईडाइविंग एंड पैराशूट एसोसिएशन से जुड़ा था।
विनोद ने बाद में बताया कि ट्रेनर्स के दिशानिर्देश पर उसने एयरक्राफ़्ट से छलांग लगाई और उसे 6000 फीट तक पहुंचने पर अपना पैराशूट खोलना था। उसने कई बार पैराशूट खोलने की कोशिश की लेकिन वो सही से खुला नहीं और तेज़ हवाओं की वजह से वो उसके शरीर से लिपटने लगा और वो ज़मीन पर गिर गई।
राम्या को तुरंत ओमालुर में एक प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। विनोद ने पुलिस को बताया कि उसकी पत्नी को ये नहीं बताया गया था कि अगर पैराशूट न खुले तो क्या करना है जबकि उसने एक माइक्रो हेडफोन भी लगा रखा था। विनोद का कहना था कि, “सामान्यत: कोई न कोई हमें स्काईडाइविंग के अभ्यास के वक़्त निर्देशित करता रहता है। लेकिन उसके मामले में किसी ने उसकी मदद नहीं की और वे सब बस वहां से फरार हो गये।”
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच चल रही है। ओमालुर पुलिस इंसपेक्टर एस कुमारसन और दूसरे जांच कर्ता मौके पर पहुंचे। कुमारसन ने बताया कि, “एक मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच चल रही है। ISPA के प्राधिकारी इस घटना के बाद से फरार हैं और हम उनकी तलाश कर रहे हैं।”
बैंगलोर स्थित ISPA 25 जनवरी से सलेम एयरपोर्ट से स्काईडाइविंग का अभ्यास कर रही है। टीम में 5 महिलाओं समेत 11 सदस्य शामिल हैं। इसके तहत पहले ज़मीन पर ही प्रशिक्षण दिया जाता है, फिर पहले चरण में 3000 फीट की ऊंचाई से डाइविंग करने दिया जाता है और इसके पूरा करने पर 10000 फीट की ऊंचाई से डाइविंग कराई जाती है।