नोएडा। अब शहर में खुले कूड़ाघर बीते ज़माने की बात बन जाएंगे। मौजूदा वक़्त में आप सड़कों के किनारे बने कूड़ादान और कूड़ाघरों को देख सकत...
नोएडा। अब शहर में खुले कूड़ाघर बीते ज़माने की बात बन जाएंगे। मौजूदा वक़्त में आप सड़कों के किनारे बने कूड़ादान और कूड़ाघरों को देख सकते हैं जो खुले होते हैं और आस-पास के इलाकों में बदबू फ़ैलाते हैं, जानवर इन कूड़ादानों में खाना ढूंढने आते हैं और पूरे इलाके में कूड़ा फ़ैला देते हैं।
इन्ही समस्याओं के मद्दनेज़र अथॉरिटी एक नए तरह के सिस्टम पर काम कर रही है और जल्द ही इसे नोएडा शहर में लागू कर दिया जाएगा जिसके तहत सभी कूड़ा दान और कूड़ाघरों को अंडरग्राउंड कर दिया जाएगा। ये स्वचालित भूमिगत कूड़ाघर होंगे जो ढके होंगे और जहां तक पशुओं की पहुंच नहीं होगी।
प्राधिकरण के मुताबिक नोएडा के सभी सेक्टरों और कुछ गांवों को मिलाकर करीब दो सौ कूड़ाघर हैं और ये सब सड़कों के किनारे हैं जहां आवारा पशु कूड़े में खाने के साथ पॉलिथिन तक खा जाते हैं, जो उनकी मौत का भी कारण बन जाता है।
नए कूड़ाघरों के लिए अथॉरिटी एक जर्मन कंपनी के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इंफ्रा इन नाम की इस कंपनी ने प्रस्ताव दिया है कि आधुनिक कूड़ाघर ज़मीन के नीचे होंगे। इसमें रखे डस्टबिन ऐसे हैं कि कूड़ा लाने और ले जाने वाले वाहन के आने पर इसका ढक्कन बटन दबाते ही खुल जाएगा। डस्टबिन ऊपर आ जाएगा, जिसे गाड़ी में लोड कर लैंडफिल साइट पर पहुंचाने में आसानी होगी। बाहर से इसमें कूड़ा नहीं दिखेगा।
प्राधिकरण के डीसीईओ अखिलेश सिंह व परियोजना अभियंता बीके सिंह के साथ कंपनी के प्रतिनिधियों ने बैठक की है। बैठक में यह जानकारी दी गई कि जितना भी वेस्ट लैंडफिल साइट पर जाएगा, उसका एक फीसदी ही डंप करने की जरूरत पड़ेगी, बाकी का कूड़ा रीसाइकिल हो जाएगा। जिस से मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी लम्बे दिनों तक बनी रहेगी और पालीथीन के खाने से पशुओं की मौत भी कम से कम होगी।
लगातार ख़बरों से अपडेट रहने के लिए खबरज़ोन फेसबुक पेज लाइक करें
लगातार ख़बरों से अपडेट रहने के लिए खबरज़ोन फेसबुक पेज लाइक करें