paswan & nitish will be together
पटना। लोकसभा चुनाव जैसे जैसे करीब आ रहा है, चुनावी रिश्ते उसी के मुताविक बनते बिगड़ते जा रहे हैं। खबर ज़ोन के सूत्रों के अनुसार रामविलास पासवान की लोजपा, राजद से नाराज़ चल रही है। इसलिए हो सकता है कि लोजपा, राजद के महागठबंधन को छोड़ कर जदयू के साथ हाथ मिला ले। इसके कयास पिछले कई दिनों से लगाए जा रहे हैं। दरअसल लालू प्रसाद के जेल से आने के बाद हर दिन राजनीतिक समीकरण बदल रहे हैं. यहाँ बताया ये जा रहा है कि इसबार महागठबंधन के कारण लोजपा के खाते में बस चार सीटें ही लालू देने के मूड में है। बांकी सीटों का बड़ा हिस्सा कांग्रेस और राजद आपस में बांटेंगे। बस इसी वजह से रामविलास पासवान राजद गठबंधन छोड़ कर नीतीश कुमार से हाथ मिलाने की तैयारी कर रहे हैं। साथ ही दबे ज़ुबान राजद में एक और चर्चा है कि लालू आजकल पासवान से नाराज़ हैं क्यूंकि पासवान अपने बेटे चिराग पासवान को राजनीति में ले कर आ गए और उसे यूथ आइकॉन के रूप में पेश कर रहे हैं। जबकि लालू भी अपने बेटे तेजस्वी यादव को राजनीति मे ले कर आये हैं और इस चुनाव में उसे भी यूथ आइकॉन के रूप प्रोजेक्ट करना चाहते थे। इसलिए लालू को ये भी डर सता रहा है कि कहीं चिराग के सामने तेजस्वी का तेज़ फीका न हो जाए।
वैसे बिहार का खेल हर दिन दिलचस्प होता जा रहा है और जैसे जैसे चुनाव नजदीक आता जाएगा खेल और भी दिलचस्प होगा। लेकिन अभी रामविलास पासवान लालू के खिलाफ खुल के कुछ नहीं बोल रहे हैं। वहीँ लालू भी पासवान के खिलाफ कुछ नहीं बोलते हैं। परन्तु दोनों पार्टियों के बयानबाज नेता बाज़ नहीं आ रहे हैं। एक तरफ राजद नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने लोजपा को साफ़ शब्दों में कह दिया कि पहले पार्टी का कैंडिडेट दिखाए फिर टिकट पर फैसला होगा। बस फिर क्या था, सभी लोजपा नेता बिफर पड़े और खुल के बोल पड़े। मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान लोजपा नेता सूरजभान सिंह और सत्यानंद शर्मा ने कहा कि "अगर गठबंधन टूटता है तो इसकी पूरी ज़िम्मेदारी राजद पर जाएगी। राजद नेता पिछले एक महीने से कह रहे हैं कि लोजपा को हम तीन-चार सीट से ज्यादा नहीं दे सकते। हम दया की राजनीति में विश्वास नहीं रखते हैं। हमारी भी चुनावी तैयारी पूरी है।" लोजपा नेताओं के बयान से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि गठबंधन अब चलने वाला नहीं है। लोजपा नेताओं ने आगे कहा कि "हम पर उंगली उठाने वाले पहले अपने ऊपर से नीचे तक के दागी उम्मीदवारों की सूची ज़ारी करे। सच्चाई तो ये है कि राजद के पास अपने सभी सीटों के लिए उम्मीदवार ही नहीं हैं।" किसी अन्य दल से गठबंधन के संकेत देते हुए लोजपा नेताओं ने कहा कि हमारे लिए कोई भी दल अछूत नहीं है।" यहाँ मतलब साफ़ है कि लोजपा अगर राजद गठबंधन से अलग होती है तो अपने लिए सभी विकल्प खोल कर रखना चाहती है, चाहे वो जदयू हो या भाजपा। लेकिन खबर ज़ोन की सूत्रों की अगर माने तो जदयू के साथ जाने की सम्भावना सबसे ज्यादा है।