नई दिल्ली। आपको शायद यकीन न हो लेकिन अमेरिका में भारतीय दूतावास में डिप्टी काउंसल जनरल देवयानी की गिरफ़्तारी के पीछे एक भारतीय का हाथ है। ...
नई दिल्ली। आपको शायद यकीन न हो लेकिन अमेरिका में भारतीय दूतावास में डिप्टी काउंसल जनरल देवयानी की गिरफ़्तारी के पीछे एक भारतीय का हाथ है। जिस वकील ने देवयानी को गिरफ़्तार करवाया वो भारतीय मूल का है और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का ख़ास है।
ये अजीब है लेकिन सच है कि भारतीय मूल के अमेरिकी अटॉर्नी प्रीत भरारा ने देवयानी पर वीजा में धोखाधड़ी के आरोप लगाए, जिसके बाद देवयानी को न्यूयॉर्क की सड़क से सरेआम हथकड़ी लगाकर उस वक़्त गिरफ्तार किया गया जब वो अपनी बेटी को स्कूल छोड़ने जा रही थीं। और अब देवयानी को ख़ुद को बेक़सूर साबित करने के लिए भी इसी भारतीय मूल के वकील से क़ानून जंग लड़नी होगी।
अमेरिका में भरारा इसीलिए चर्चा के विषय रहे हैं क्योंकि वो अक्सर भारतीय मूल के लोगों के ख़िलाफ़ केस लड़ते रहे हैं। देवयानी से पहले भी कई हाई-प्रोफाइल मामलों में वो भारतीय मूल के लोगों के खिलाफ खड़े हो चुके हैं।
45 साल के भरारा को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने साल 2010 में दक्षिणी ज़िले न्यूयॉर्क के अटॉर्नी के तौर पर चुना था और वो बड़े मामलों की वजह से सुर्खियों में रहे हैं। हाल ही में उन्होंने एक मामले में 49 रूसी राजनयिकों को सज़ा दिलाई है। इसके अलावा नवंबर महीने में स्टीवन कोहेंस की 'एसएसी कैपिटल एडवाइजर्स' फर्म पर 1.8 अरब डॉलर का जुर्माना लगवाया था, जो एक रिकॉर्ड है। भरारा श्रीलंकाई मूल के राज राजारत्नम और मैकिंसे के पूर्व प्रबंध निदेशक रजत गुप्ता के खिलाफ भी सरकारी वकील के रूप में केस लड़ चुके हैं।