रांची। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद अब जेल से बाहर आ रहे हैं। चारा घोटाले में दोषी करार दिए जाने के...
रांची। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद
अब जेल से बाहर आ रहे हैं। चारा घोटाले में दोषी करार दिए
जाने के बाद सी बी आई की विशेष अदालत ने उन्हें पांच साल की सज़ा सुनाई थी। बताया
जा रहा था कि लालू प्रसाद शुक्रवार को ही बाहर आ जाएंगे लेकिन कागजात समय से जेल
तक नहीं पहुँच पाया, इसलिए अब वो सोमवार को बाहर आएंगे। जहाँ तक
राजद कार्यकर्ताओं की बात है, सभी बेहद
उत्साहित हैं। वैसे लालू प्रसाद बाहर आने के बाद चुनाव तो नहीं लड़ सकते क्यूंकि
उनके चुनाव लड़ने पर 10 साल का प्रतिबन्ध है। लेकिन जानकारों का
मानना है कि उनके बाहर आते ही राजनीतिक समीकरण ज़रूर उलट पुलट होंगे और नए समीकरण
की रचना होगी।
किसने क्या कहा
लालू के पुराने दोस्तों कांग्रेस और लोक
जनशक्ति पार्टी (लोजपा) और यहां तक कि 'परम शत्रु' भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी राजद प्रमुख को मिली जमानत
का स्वागत किया है। अदालत के फैसले पर हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
ने टिप्पणी करने से मना कर दिया, लेकिन
उनकी पार्टी जनता दल युनाइटेड ने इसे नियमित न्यायिक प्रक्रिया बता कर अपना पल्ला
झाड़ लिया।
स्वागत के तैयारी
बताया जा रहा है कि लालू प्रसाद
को लाने उनके दोनों बेटे तेजस्वी और तेजप्रताप रांची जाएंगे। उसके बाद
वहां से पटना तक की 325 किलोमीटर की दूरी लालू प्रसाद अपने सैकड़ों
समर्थकों के साथ गाडी में पूरी करेंगे। साथ ही बीच में वो कई जगहों पर रुकते हुए
अपने समर्थकों को संबोंधित भी करेंगे और कई धार्मिक जगहों पर पूजा अर्चना भी
करेंगे।
अगली रणनीति
लालू प्रसाद जमानत पर जेल से
बाहर तो आ रहे हैं लेकिन वो अगले दस साल तक चुनाव नहीं लड़ सकते। इसलिए संभावना जताई जा रही है कि मुलायम सिंह की
तरह अपने बेटे तेजस्वी यादव को फ्रंट फुट पर लाने की कोशिश करेंगे ताकि वो लालू
प्रसाद का उत्तराधिकारी बन सके। 25 वर्षीय तेजस्वी आईपीएल में दिल्ली
डेयरडेविल्स की ओर से खेल चुके हैं और लालू की गैरमौजूदगी में तेजस्वी ही पार्टी
की पूर देख-रेख कर रहे थे। राबड़ी देवी पार्टी में सिर्फ निर्देश देने के लिये हैं, रही बात नीति निर्धारण की तो उसमें तेजस्वी की राय के बिना
कोई निर्णय नहीं होता था। अगर तेजस्वी ने अपनी काबीलियत 2014 में साबित कर दी, तो उसके
बाद होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों में लालू की लालटेन की लौ निश्चित तौर पर
बढ़ जायेगी।
रैली की तैयारी
पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक
जेल से निकलने के बाद लालू एक विशाल रैली को संबोधित करने वाले है। इस रैली के
माध्यम से वो अपनी खोई साख वापस पाने की कोशिश करेंगे। इतना ही नहीं जेल में बिताए
इनके क्षणों को सहानुभूति में बदलने का भी भरपूर प्रयास इस रैली में क्या जाएगा।
हलांकि अब तक इस रैली का नाम निर्धारित नहीं किया गया है। लेकिन ऐसा माना जा रहा
है कि रैली का नाम भी लालू के चिर परिचित अंदाज़ में ही रखा जाएगा, जैसा अक्सर रखा जाएगा।