नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को जेसिका लाल हत्याकार्ड के मुजरिम मनु शर्मा को 9 दिनों के लिए पेरोल दी है ताकि वो मनवाधिकार में परास...
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को जेसिका लाल हत्याकार्ड के मुजरिम मनु शर्मा को 9 दिनों के लिए पेरोल दी है ताकि वो मनवाधिकार में परास्नातक की परीक्षा में बैठ सके। ये परीक्षा 30 दिसंबर से शुरू होनी है जिस बावत दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट को बताया। पुलिस की स्टेटस रिपोर्ट को देखते हुए जस्टिस हिमा कोली ने मनु शर्मा को 28 दिसंबर से 5 जनवरी तक के लिए पेरोल पर ज़मानत देने की इजाज़त दी है।
पेरोल के दौरान शर्मा दिल्ली से बाहर नहीं जा सकता। अदालत ने साफ़ किया है कि मनु शर्मा परीक्षा के लिए दिल्ली के केंद्र में जाएगा ना कि चंडीगढ़। अदालत ने इसके लिए 30000 रुपये का बांड जमा करने को कहा है और इतने की मूल्य की सिक्योरिटी भी।
शर्मा के वकील ने उसके आचरण को लेकर अदालत को आश्वस्त कराया। वकील ने बताया कि शर्मा ने जेल में रहते हुए अपना आचरण काफी अच्छा रखा है। उसने क़ैदियों के 470 बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसे दिये हैं और अदालत की किसी भी आदेश की अवहेलना नहीं की है।
36 साल के मनु शर्मा को 1999 में हुए जेसिका लाल हत्याकांड में उम्र क़ैद हुई है। उसने अदालत को बताया कि उसे परास्नातक के लिए मास्टर थीसिस, क्षेत्र की रिपोर्ट, अध्ययन रिपोर्ट, केस अध्ययन रिपोर्ट और एक गाइड का चयन करना है। इसके लिए 27 नवंबर को तिहाड़ जेल के अधीक्षक ने मनु शर्मा का आवेदन सरकार को भेजा था लेकिन की आदेशस नहीं मिला। इसके बाद शर्मा ने हाईकोर्ट में अर्जी लगाई।
शर्मा को दिसंबर 2006 में हाईकोर्ट ने जेसिका लाल हत्याकांड में उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा था। 34 साल की मॉडेल जेसिका लाल की टामरिंड कोर्ट रेस्टोरेंट में वेट्रेस के तौर पर काम करते हुए 29 अप्रैल 1999 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अदालत ने पाया था कि मनु शर्मा ने गोली इसलिए चलाई क्योंकि समय ख़त्म होने की वजह से जेसिका ने उसे और ज़्यादा शराब देने से मना कर दिया था। ये रेस्टोरेंट दिल्ली के मेहरौली में कुतुब कोलोनेड में था जिसकी मालकिन थीं बीना रमानी।