नयी दिल्ली । भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा है कि “ गे सेक्स प्राकृतिक नहीं है। हम किसी भी अप्राकृतिक कार्य का समर्थन नहीं कर सकते...
नयी दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा है कि “गे सेक्स प्राकृतिक
नहीं है। हम किसी भी अप्राकृतिक कार्य का समर्थन नहीं कर सकते।“ बीजेपी के इस रुख से
केंद्र सरकार के कानून में बदलाव कर समलैंगिक समुदाय को राहत देने की मंशा को
भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। समलैंगिकता को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का बीजेपी को यह
तय करने में काफी वक्त लगा कि विरोध किया जाए या समर्थन। आखिरकार पार्टी ने अपना रुख तय कर लिया और भाजपा ने समलैंगिकता को अप्राकृतिक बताया है।
बीते बुधवार सुप्रीम
कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के 2009 के फैसले को पलटते हुए समलैंगिकता को अपराध करार दिया था। इस
मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत कांग्रेस के कई बड़े नेता निराशा
जाहिर कर चुके हैं। कानून मंत्री कपिल सिब्बल भी यह संकेत दे चुके हैं कि सरकार
धारा 377 में बदलाव कर वयस्क
समलैंगिक संबंधों को अपराध के दायरे से बाहर ला सकती है। भारतीय जनता पार्टी ने
इतने दिन से इस मामले पर कोई रुख जाहिर नहीं कर रही थी। इसलिए चारों तरफ से उस पर दबाव बढ़ रहा था कि अपनी राय जाहिर करे और पार्टी ने बहुत सोच-समझकर अपना रुख तय कर लिया।
एक अखबार को दिए गए इंटरव्यू में राजनाथ
सिंह ने कहा कि हम साफतौर पर गे सेक्स को दोबारा अपराध की कैटिगरी में शामिल किए
जाने का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि हमारा मानना है कि यह एक
अप्राकृतिक कृत्य है, इसलिए हम धारा-377 का सपोर्ट करते हैं। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि आईपीसी की
धारा-377 केवल उस तरह के
सेक्सुअल कंडक्ट पर पाबंदी लगाती है,
जो प्रकृति के खिलाफ हो। हालांकि राजनाथ ने कहा कि बीजेपी इस मुद्दे पर इसलिए भी कुछ
कहने से बच रही थी क्योंकि उसे डर था कि पार्टी के रुख से लोगों की भावनाएं आहत हो
सकती हैं।