चेन्नई। दक्षिण भारत के इस शहर में ये गुदगुदी करनेवाली सुबह है जब अंग्रेज़ी का अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया (the Times of India) एक तमिल और अंग...
चेन्नई। दक्षिण भारत के इस शहर में ये गुदगुदी करनेवाली सुबह है जब अंग्रेज़ी का अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया (the Times of India) एक तमिल और अंग्रेज़ी समझनेवाले परिवार में पहुंचता है और उसके आख़िरी पेज पर उन्हें कोकाकोला (Cocacola) का एक एड मिलता है। लम्बा-चौड़ा, हिंदी में छपा, जिसे न वो दक्षिण भारतीय परिवार पढ़ सकता है, न समझ सकता है। आख़िर क्यों? चेन्नई में हिंदी का विज्ञापन क्यों?
पिछले दशक में देश में मीडिया प्लानिंग बदली है, कंपनियां छोटी से छोटी जगह पर पहुंचना चाहती हैं। वो चाहती हैं कि उनका विज्ञापन हर किसी तक पहुंचे, समझा जाए और उसका फायदा कंपनी को हो। इसके लिए वो अपने विज्ञापनों को क्षेत्रीय भाषाओं में लोगों तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं जबकि दो दशक पहले ऐसा नहीं था, विज्ञापन सिर्फ हिंदी या अंग्रेज़ी में बनते थे और वो सिर्फ प्रिंट, रेडियो और आउटडोर के माध्यम से जाते थे। आज माध्यम कहीं ज़्यादा हैं, मोबाइल से लेकर इंटरनेट तक, केबल टीवी से लेकर एफएम तक। फिर कोकाकोला सिर्फ हिंदी में विज्ञापन देकर क्या कहना चाहता है?
इस सवाल का जवाब तलाशना तब और मुश्किल हो जाता है जब ये पता चलता है कि पूरे देश में टाइम्स ऑफ़ इंडिया (TOI) के हर प्रकाशन में (बंगलुरू, कोलकाता, कोची, और भी ग़ैर हिंदी बेल्ट में) कोकाकोला का विज्ञापन हिंदी में ही छपा है। TOI से तो हमें इस सवाल का जवाब नहीं मिला लेकिन कोकाकोला के सूत्र कहते हैं कि जो विज्ञापन छपा है, उसमें हिंदी में कविता है और ये कविता पिछले दिनों टीवी पर काफ़ी लोकप्रिय हुआ है। हो सकता है ग़ैरहिंदी भाषी लोग इसके शब्दों को न समझ रहे हों लेकिन वो भी इसे गुनगुना रहे हैं और वो इसकी भावना को समझते हैं।
कोकाकोला की ये बात समझ में आ सकती है, जैसे कोलावेरी-डी लोकप्रिय हुआ था या फिर ओ माय गंगनम स्टाइल फेमस हुआ था, लोगों को भाषा समझने की ज़रुरत नहीं थी। लेकिन ये संगीत से जुड़ा मसला है जहां भाषा की परिधियां नहीं होतीं लेकिन असल सवाल ये है कि कोकाकोला ने विज्ञापन हिंदी में छापा है वो भी ग़ैरहिंदी भाषी क्षेत्रों के अपने एडिशन में भी। और प्रिंट में तो न भावना जा सकती है, न कोई गाकर सुना सकता है तो हिंदी में कविता छापने का क्या मतलब? इस सवाल का कोई जवाब नहीं मिलता।