पटना । जब से जनता दल यू और भाजपा का गठबंधन टूटा है, तभी से जद यू बौखलाई घूम रही है । कभी नीतीश कुमार और शरद यादव के बीच इशारों में ...
पटना। जब से जनता दल यू और भाजपा का गठबंधन टूटा है, तभी से जद यू बौखलाई घूम रही है। कभी नीतीश कुमार और शरद यादव के बीच इशारों में शीत युद्ध शुरू हो जाता है या कभी शिवानन्द तिवारी सरीखे पार्टी के आला नेता अपने ही कार्यकर्ता सम्मलेन में मोदी का गुणगान करने लगते हैं। ये सब यही दर्शाता है कि पार्टी आने वाले चुनाव से किस तरह घबराई हुई है। इनके वरिष्ठ नेताओं का भी नेतृत्व से जैसे विश्वास उठता जा रहा है। पहले भी जद यू के कई नेता नीतीश कुमार पर तानाशाह होने का भी आरोप लगाते रहे हैं। साथ ही ये भी बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार के इस तानाशाही रवैये और हार से बचने के लिए पार्टी में बहुत जल्द भगदड़ भी मचने वाली है।
सूत्रों के मुताविक पार्टी के कई वरिष्ठ नेता जैसे मगनी लाल मंडल, पूर्णमासी राम, महाबली सिंह और मुनाजिर हसन राजद नेताओं के संपर्क में हैं। वही सुशील कुमार सिंह भाजपा के टिकट पर औरंगाबाद सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि ये तो अभी शुरुआत भर है,और भी कई जद यू नेता भाजपा और राजद से संपर्क साधे हुए हैं। इन नेताओं को भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद अपनी जीत को लेकर आशंकाएं हैं। इसलिए ये अपने क्षेत्र के राजनीतिक और जातीय समीकरण को देखते हुए पार्टी बदलने की ताक में हैं। जद यू के कई नेता अपने वोट बैंक के नफा नुकसान के हिसाब किताब में लगे हुए हैं। लेकिन जद यू नेता इसे सिरे से खारिज कर रहे हैं। जबकि भाजपा नेता सी पी ठाकुर और राजद नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने स्वीकार किया है कि जद यू के कई एम पी, एम एल ए और नेता संपर्क में हैं।