वाशिंगटन। अमेरिका में वीज़ा फ्रॉड और अमेरिकी अधिकारियों से झूठ बोलने के आरोप में फंसी भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े का संयुक्त राष्ट्...
वाशिंगटन। अमेरिका में वीज़ा फ्रॉड और अमेरिकी अधिकारियों से झूठ बोलने के आरोप में फंसी भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े का संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी अभियान में ट्रांसफ़र होने से उन्हें अस्थायी तौर पर पूर्ण राजनयिक छूट मिल गया है जिससे उन्हें अमेरिका में अब गिरफ़्तार नहीं किया जा सकेगा। अमेरिकी विदेश विभाग ने बताया है कि देवयानी को अस्थायी तौर पर पूर्ण राजनयिक छूट का लाभ तो मिलेगा लेकिन उन पर लगा वीज़ा फ़्रॉड का केस चलता रहेगा।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता जेन पाकी ने संवाददाताओं को बताया कि, "किसी के लिए भी राजनयिक दर्जा होना एक समय के लिए है। लेकिन इससे पूर्व के लिए निर्णय प्रभावित नहीं होते।"
किसी को राजनयिक छूट मिलने का मतलब ये नहीं है कि उसके पूर्व के किए अपराध ख़त्म हो जाते हैं। वो रिकॉर्ड में रहेंगे। ना ही राजनयिक छूट मिलने से किसी राजनयिक को हमेशा के लिए अभियोजन से बचाता है। - जेन पाकी, प्रवक्ता, अमेरिकी विदेश विभाग
उनके मुताबिक राजनयिक छूट का मतलब है कि जब तक वो राजनयिक हैं तब तक वो अमेरिका में आपराधिक अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं, सिर्फ उसी वक़्त तक के लिए जब तक उनके पास राजनयिक छूट है। उन्होंने कहा कि अगर कोई ये समझता है कि इससे उनके पूर्व के आरोपों से मुक्ति मिल गई तो ऐसा नहीं है।
जेन ने कहा कि अमेरिका को अब आधिकारिक तौर पर इसकी ख़बर नहीं है।
UN को मिला भारत का अनुरोध
इन सब के बीच संयुक्त राष्ट्र ने स्पष्ट किया कि शुक्रवार को उसे भारत की ओर से आधिकारिक तौर से देवयानी के संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी अभियान में ट्रांसफ़र की अर्ज़ी मिल गई है। प्रक्रिया के तहत ये अर्ज़ी अब अमेरिकी विदेश विभाग को जाएगी जहां से संस्तुति होते ही देवयानी को पूर्ण राजनयिक छूट का दर्जा मिल जाएगा।
पूर्ण राजनयिक छूट से भी कोई फायदा नहीं
जिस रणनीति के तहत भारत ने देवयानी को पूर्ण राजनयिक दर्जा दिलाया वो रणनीति फेल होती दिख रही है क्योंकि भारत ने देवयानी को पूर्ण राजनयिक छूट इसलिए दिलाई थी ताकि उसके ऊपर से अमेरिका में लगे सभी आरोप वापस हो जाएं और उन्हें घर वापस लाया जा सके। लेकिन अमेरिकी विदेश विभाग ने साफ कर दिया है कि उन्हें पूर्ण राजनयिक छूट के तहत अब तो गिरफ़्तार नही ंकिया जाएगा लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि उन पर लगे आरोप हटा लिए जाएंगे। उन पर मामला चलता रहेगा।
UN को मिला भारत का अनुरोध
इन सब के बीच संयुक्त राष्ट्र ने स्पष्ट किया कि शुक्रवार को उसे भारत की ओर से आधिकारिक तौर से देवयानी के संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी अभियान में ट्रांसफ़र की अर्ज़ी मिल गई है। प्रक्रिया के तहत ये अर्ज़ी अब अमेरिकी विदेश विभाग को जाएगी जहां से संस्तुति होते ही देवयानी को पूर्ण राजनयिक छूट का दर्जा मिल जाएगा।
पूर्ण राजनयिक छूट से भी कोई फायदा नहीं
जिस रणनीति के तहत भारत ने देवयानी को पूर्ण राजनयिक दर्जा दिलाया वो रणनीति फेल होती दिख रही है क्योंकि भारत ने देवयानी को पूर्ण राजनयिक छूट इसलिए दिलाई थी ताकि उसके ऊपर से अमेरिका में लगे सभी आरोप वापस हो जाएं और उन्हें घर वापस लाया जा सके। लेकिन अमेरिकी विदेश विभाग ने साफ कर दिया है कि उन्हें पूर्ण राजनयिक छूट के तहत अब तो गिरफ़्तार नही ंकिया जाएगा लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि उन पर लगे आरोप हटा लिए जाएंगे। उन पर मामला चलता रहेगा।