उप राज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली में विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर दी है और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस पर काम भी शुरू कर दिया है लेकिन राजनीतिक समीकरण बता रहे हैं कि आम आदमी पार्टी सैद्धांतिक रूप से दिल्ली में सरकार बनाने पर राज़ी हो चुकी है। आम आदमी पार्टी के सूत्र बताते हैं कि आनेवाले 7 दिनों में पार्टी लोगों की राय लेकर इस पर फ़सला करेगी।
नई दिल्ली। उप राज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली में
विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर दी है और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस पर काम भी
शुरू कर दिया है लेकिन राजनीतिक समीकरण बता रहे हैं कि आम आदमी पार्टी सैद्धांतिक
रूप से दिल्ली में सरकार बनाने पर राज़ी हो चुकी है। आम आदमी पार्टी के सूत्र
बताते हैं कि आनेवाले 7 दिनों में पार्टी लोगों की राय लेकर इस पर फ़सला करेगी।
आज दिल्ली में आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं
की बैठक है। इस बैठक में रणनीति बनाई जाएगी और अगले 7 दिनों में
दिल्ली के 280 इलाकों में जनता के बीच बैठक होगी और आम राय
जानने की कोशिश की जाएगी। हर विधानसभा क्षेत्र में रोज़ाना 4 बैठकें होंगी।
आम आदमी पार्टी का मानना है कि अगर जनता कहेगी कि कांग्रेस का समर्थन
लेकर सरकार बना सकते हैं तो AAP की सरकार बनेगी और इससे कांग्रेस पर भी दबाव
रहेगा कि वो जनता की राय से बनी सरकार से समर्थन वापस नहीं ले सकेगी।
हालांकि कांग्रेस की मंशा को लेकर पार्टी में दो फाड़ है। कुछ मानते
हैं कि सरकार बना लेनी चाहिए और अगर कांग्रेस धोखा देती है तो वो धोखा जनता के साथ
होगा। जबकि कुछ का मानना है कि ये कांग्रेस का सियासी जाल है और वो आम आदमी पार्टी
की विचारधारा पर ही चोट कर के उसे ख़त्म करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
दिक्कत की बात ये है कि केजरीवाल ने 18 शर्तें रखी थीं जिसमें से
कांग्रेस ने 16 मुद्दों पर सहमति ज़ाहिर की है, और आम आदमी पार्टी को अपना समर्थन
पत्र भी दे दिया है। ज़ाहिर है एक बार फिर गेंद अरविंद केजरीवाल के पाले में है और
उन्हें अब ये तय करना मुश्किल हो रहा है कि आख़िर करें तो करें क्या।